काम की खबर: अपने गैस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट जानना है जरुरी, नहीं तो हो सकता है खतरा
बिहार में सिलेंडर से हुआ बड़ा हादसा
हाल ही में बिहार की राजधानी पटना के फतुहा में एक शादी समारोह के दौरान एक के बाद एक दो गैसे सिलेंडरों में विस्फोट होने से करीब 14 लोग झुलस गए। इनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं थीं। अक्सर इस तरह के हादसों के बाद लोगों की गलतियों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। जबकि गैस सिलेंडर की गलत सप्लाई भी हादसों की वजह बनती है।
गैस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट जानना बहुत आसान है।
हर सिलेंडर के ऊपरी हिस्से पर यानी रेगुलेटर लगाने वाली जगह के पास बड़े अक्षरों में एक कोड लिखा होता है। यह कोड A, B, C या D से शुरू होता है। हर अक्षर अलग-अलग 3 महीनों को दर्शाता है। इन अक्षरों के पीछे लिखे नंबर सिलेंडर यूज करने के आखिरी साल को दर्शाते हैं। यह कोड ही सिलेंडर की एक्सपायरी डेट होती है। जैसे अगर गैस सिलेंडर पर D-26 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि सिलेंडर 2026 की दिसंबर तिमाही तक एक्सपायर हो जाएगा। इसलिए अगली बार जब डिलीवरी बॉय री-फिल करके सिलेंडर लेकर आए, तो ध्यान से सिलेंडर की एक्सपायरी डेट की जांच कर लें। कई स्थानीय LPG री-फिलर्स तारीख भी छुपाते हैं, आमतौर पर उस पर कुछ स्टिकर चिपका देते हैं। इसलिए कृपया जांच करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें।
एक्सपायरी डेट के सिलेंडर को करें वापिस
यदि आपको एक्सपायरी डेट के बाद का कोई सिलेंडर मिलता है, तो कृपया उसे तुरंत वापस कर दें। उनके लीक होने या फटने का अत्यधिक खतरा होता है, जिससे गंभीर चोट लग सकती है। यहां तक कि जान भी जा सकती है।
15 साल होती है एक सिलेंडर की आयु
एक गैस सिलेंडर की अवधि 15 साल होती है। इस बीच सिलेंडर की दो बार टेस्टिंग कराई जाती है। इसमें पहली टेस्टिंग 10 साल बाद और दूसरी टेस्टिंग 5 साल बाद होती है।
पाइप की भी एक्सपायरी डेट का कैसे पता कर सकते हैं ?
गैस सिलेंडर की तरह गैस में लगी पाइप की भी एक एक्सपायरी डेट होती है। भारत में घरेलू गैस विस्फोटों से होने वाले ज्यादातर मामलों का मुख्य कारण पाइप से गैस रिसाव होना है। घरेलू गैस सिलेंडर के पाइप की एक्सपायरी डेट 18 से 24 महीने के बीच होती है। इससे ज्यादा गैस पाइप को यूज नहीं करना चाहिए।