UPSC रिजल्ट 2024: बहादुरगढ़ के शौर्य ने पूरा किया पिता का सपना, देशभर में हासिल की 14वीं रैंक
केवल 24 साल की उम्र में ही हासिल किया मुकाम
करीब 24 वर्षीय शौर्य अरोड़ा बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 में अपनी बहन अंशु अरोड़ा, मां आरती पिता भूषण अरोड़ा और दादा इंद्रजीत लाल, दादी शांति देवी के साथ रहते हैं। शौर्य ने 10वी और 12वीं की पढ़ाई बीवीएम स्कूल चेन्नई से पूरी की। बारहवीं (नॉन मेडिकल) में 98.3 प्रतिशत नंबर आए थे। शौर्य ने IIT बांबे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की हुई है। आईआईटी में भी शौर्य की 432वीं रैंक आई थी। पढ़ाई में शुरू से ही प्रतिभाशाली रहे शौर्य ने बचपन से ही आईएएस बनने का सपना देखा था।
पिता ने चार बार दी परीक्षा
शौर्य के पिता भूषण ने भी यूपीएसी की परीक्षा दी थी। 4 बार प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। वह अपने बेटे में अपना सपना जीने लगे थे। वहीं शौर्य के मन में भी यह कसक थी। इसलिए वह दिनभर में कई-कई घंटे पढ़ाई करता था। शौर्य ने बताया कि उसने एवरेज 7 से 8 घंटे रोजाना पढ़ाई की। अपने हर सपने को सिर्फ पढ़ाई के रूप में ही देखना शुरू किया। कॉलेज के प्रथम वर्ष में उसने यूपीएससी परीक्षा दी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
दूसरे प्रयास में जबरदस्त परिणाम
दूसरे प्रयास में इतनी मेहनत की कि परिणाम जबरदस्त आया। शौर्य ने बताया कि उसने सिर्फ फिजिक्स की कोचिंग ली थी। बाकी किसी अन्य विषय की कोई कोचिंग नहीं ली है। शौर्य ने बताया कि उसने सेल्फ स्टडी करते हुए खूब मेहनत की। शौर्य की मानें तो परीक्षा अच्छी हुई थी लेकिन ये नहीं मालूम था कि रैंक 14वीं आ जाएगी। शौर्य के माता-पिता आईटी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहे हैं। दादा दिल्ली में अध्यापक रहे हैं और दादी हरियाणा सरकार में अध्यापिका रही हैं।
बगैर कोचिंग के भी मिल सकती है सफलता
शौर्य का कहना है कि सही मार्गदर्शन में बिना कोचिंग के भी सफलता मिलती है। उसकी सफलता में उसके पूरे परिवार का सहयोग और भावनात्मक साथ रहा है। शौर्य की उपलब्धि पर पिता भूषण अरोड़ा, मां आरती अरोड़ा सहित परिवार के सभी लोग बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि उनके बेटे ने उनका गौरव बढ़ाया है। वे शौर्य की उपलब्धि से बेहद खुश है। उन्होंने कहा कि शौर्य परिवार के बेहद करीब है और हर बात परिवार के साथ साझा करता है। उनका कहना है कि देश और समाज की सेवा में शौर्य अपना योगदान देगा।