Yuva Haryana

 सिंह इज बैक, कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू की IPL में री एंट्री, लोकसभा चुनाव से बनाई दूरी

 
NAVJOT SINGH SIDHU
Navjot singh sidhu: बीजेपी के बाद कांग्रेस पार्टी से संतुष्ट न होने के बाद अब तक ये खबरें सामने आ रही थी की  सीनियर लीडर नवजोत सिंह सिद्धू ने लोकसभा चुनाव से दूरी बनाई है। शायद यही वजह है कि सिद्धू एक बार फिर क्रिकेट में वापसी करने जा रहे हैं।Navjot singh sidhu:

सरदार ऑफ कमेंट्री इज बैक

नवजोत सिद्धू इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 में कमेंट्री करते नजर आएंगे। स्टार स्पोर्ट्स की तरफ से सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी गई है। इसमें लिखा है कि "सरदार ऑफ कमेंट्री बॉक्स इज बैक"। सिद्धू ने भी इस ट्वीट को शेयर किया है।

सिद्धू गत शुक्रवार को पंजाब के राज्यपाल बीएल पुरोहित से मिलने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से एक सवाल में जवाब में कहा था कि वह इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

हालांकि, उन्होंने यह बात जरूरी कही थी कि क्रिकेट की कमेंट्री छोड़ने की वजह से उन्हें फाइनेंशियल नुकसान हो रहा है। फिर भी उन्होंने कहा था कि मुश्किल समय में किरदार की पहचान होती है।Navjot singh sidhu:

2018 में आखिरी बार कमेंट्री की

नवजोत सिंह सिद्धू के पिता सरदार भगवंत सिंह क्रिकेटर थे। वह चाहते थे कि उनका बेटा भी उनकी तरह खिलाड़ी बने। अपने पिता की इस इच्छा को पूरी करने के लिए सिद्धू ने 1983 में एक क्रिकेटर के तौर पर क्रिकेट की दुनिया में डेब्यू किया। सिद्धू साल 1983 से 1999 तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला। सिद्धू ने कुल 51 टेस्ट मैच और 136 वनडे मैच खेले हैं।

उन्होंने टेस्ट में 3202 और वनडे में 4413 रन बनाए हैं। करीब 17 साल क्रिकेट की दुनिया में रहने के बाद, 1999 में क्रिकेट से संन्यास लिया। क्रिकेट का सफर खत्म होने के बाद उन्होंने कमेंट्री में भी हाथ आजमाया। सिद्धू ने आखिरी बार IPL 2018 में कमेंट्री की थी। पंजाब सरकार के मंत्री बनने के बाद वह पैनल से बाहर हो गए थे। इसके बाद उन्होंने अपनी सारे टीवी शो छोड़ दिए थे।

सिद्धू का राजनीतिक करियर

नवजोत सिद्धू ने 2004 में भाजपा जॉइन की थी। फिर वह अमृतसर से सांसद चुने गए। 2014 तक वे इस सीट से लोकसभा के सांसद रहे। इसी लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनकी जगह अमृतसर से अरुण जेटली को उम्मीदवार बना दिया। 2016 में सिद्धू को राज्यसभा भेजा गया लेकिन उन्होंने भाजपा छोड़ दी।

2017 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद वह अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। तब कैप्टन सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। हालांकि तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनकी खटपट हो गई। कैप्टन ने उनका मंत्रालय बदला तो उन्होंने जॉइन नहीं किया।

इसके बाद सिद्धू ने पॉलिटिक्स से दूरी बना ली। फिर कांग्रेस हाईकमान ने अचानक उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रधान बना दिया। जिसके बाद सिद्धू ने सियासी जंग छेड़ी और कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से बाहर कर दिया।

हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू को सीएम बनाने की जगह चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। इसके बाद सिद़्धू कैप्टन की तरह ही चन्नी का विरोध करने लगे। इसके बाद 2022 के चुनाव में कांग्रेस हारकर सत्ता से बाहर हो गई और सिद्धू भी अमृतसर ईस्ट सीट हार गए। इसके बाद सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की प्रधानगी से हटा दिया गया।