SDM Post And Salary: एक SDM को कितनी मिलती है सैलरी? साथ ही सरकार देती है ये सुविधाएं
DM जहां पूरे जिले में सबसे ज्यादा पावरफुल होता है, उसके पास प्रशासनिक कामों से जुड़े लगभग सभी अधिकार होते हैं और पूरे जिले का प्रशासन उनके जिम्मे होता है. वहीं डिवीजन लेवल पर डीएम जैसे अधिकार SDM के पास होते हैं. लोग एसडीएम के काम, उसकी सैलरी आदि के बारे में जानना चाहते हैं. यहां हम आपको यह सब डिटेल में बता रहे हैं.
कौन होता है SDM
दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 20 (4) के मुताबिक, राज्य सरकार एक उप-मंडल यानी सब-डिविजन के प्रभारी कार्यकारी मैजिस्ट्रेट को नियुक्त कर सकती है और जरूरत के हिसाब से उसे इस जिम्मेदारी से हटा सकती है. इसी प्रभारी को सब-डिविजन मैजिस्ट्रेट यानी एसडीएम कहा जाता है. एसडीएम प्रमोशन पाकर डीएम और स्टेट गवर्नमेंट में सेक्रेटरी पोस्ट तक पहुंच सकता है. राज्य प्रशासनिक सेवा की वरीयता में एसडीएम का पद सबसे ऊपर होता है.
इस तरह होता है सेलेक्शन
एसडीएम का पद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्यों के लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने वालों से भरी जाती है. एसडीएम चुने जाने के लिए सबसे प्रमुख परीक्षा पीसीएस (PCS) परीक्षा होती है. इसका आयोजन स्टेट लेवल पर होता है. दरअसल, हर राज्य में एक आयोग होता है, जिसे प्रोविंशियल सिविल सर्विस कहते हैं. पीसीएस में टॉप रैंक को यह पद मिलता है, जबकि एक IAS ऑफिसर की अपने कैडर में ट्रेनिंग के दौरान या बाद में पहली पोस्टिंग एसडीएम के रूप में हो सकती है. एसडीएम का कोई तय वर्किंग टाइम नहीं है. एसडीएम को हर समय ड्यूटी के लिए तैयार रहना पड़ता है.
कितनी मिलती है सैलरी
एसडीएम की सैलरी की बात करें तो सैलरी के साथ उन्हें कई अन्य भत्ते भी मिलते हैं. एसडीएम को पे बैंड 9300-34800 में ग्रेड पे 5400 के मुताबिक सैलरी मिलती है. एसीडीएम की शुरुआती सैलरी 56,100 रुपये तक हो सकती है. हालांकि अन्य भत्ते मिलाकर ये और ज्यादा हो जाता है. सुविधाओं की बात करें तो एसडीएम को सरकारी आवास, सुरक्षाकर्मी और घरेलू नौकर, सरकार की तरफ से वाहन, एक फोन कनेक्शन, फ्री बिजली, राज्य में आधिकारिक यात्राओं के दौरान आवास सुविधा, हायर स्टडीज के लिए छुट्टी, पेंशन आदि की सुविधाएं मिलती हैं.
ये हैं एसडीएम के काम
प्रशासनिक एवं न्यायिक काम देखना.
क्षेत्रीय विवादों का निपटारा, आपदा प्रबंधन देखना.
राजस्व कार्यों में भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव करना.
राजस्व मामलों का संचालन करना.
सीमांकन और अतिक्रमण से जुड़े मामलों को देखना.
सार्वजनिक भूमि का संरक्षण, भू-पंजीकरण करना.