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 ध्यान दें: WHO की स्टडी में खुलासा, साइबर-बुलिंग का शिकार हो रहे बच्चे, जानें लक्षण ?

 
Cyber bulling:
Cyber bulling:हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्कूली बच्चों के बिहेवियर पर एक स्टडी की है। इस स्टडी के मुताबिक दुनिया भर के 44 देशों में हर छठा बच्चा साइबर बुलिंग का शिकार है। इसका असर उसकी पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। बच्चे की मेंटल हेल्थ खराब हो रही है। कई बच्चे डिप्रेशन और एंग्जाइटी से जूझ रहे हैं। साइबर बुलिंग बच्चों में सुसाइड की भी वजह बन रहा है।Cyber bulling:

सोशल मीडिया पर औसतन 6 घंटे बिता रहे बच्चे

WHO की स्टडी के मुताबिक बच्चे हर रोज सोशल मीडिया पर औसतन 6 घंटे बिता रहे हैं। इसलिए बच्चों के साइबर बुलिंग का शिकार होने का खतरा बढ़ गया है। इस स्टडी में शामिल 11% स्टूडेंट्स का कहना था कि उन्हें महीने में कम-से-कम दो या तीन बार साइबर बुलिंग का सामना करना पड़ा।

Cyber bulling:

क्या है साइबर बुलिंग ?

साइबर बुलिंग यानी सोशल मीडिया के जरिए किसी को परेशान करना, धमकाना, शर्मिंदा करना या निशाना बनाना। आसान भाषा में कहें तो साइबर बुलिंग ऑनलाइन माध्यमों जैसे सोशल मीडिया, चैटिंग एप्स और सोशल साइट्स के माध्यम से जानबूझकर किया गया वह व्यवहार है, जिससे किसी के सम्मान, अस्मिता को ठेस पहुंचती हो या उसे किसी तरह की सामाजिक या भावनात्मक क्षति होती हो।

Cyber bulling:

बीमार हो सकता है बच्चा

मनोचिकित्सक डॉ. कृष्णा मिश्रा बताते हैं कि अगर कोई बच्चा लंबे समय तक लगातार साइबर बुलिंग का शिकार हो रहा है, तो वह तनाव और एंग्जाइटी का शिकार हो सकता है। कुछ मामलों में साइबर बुलिंग की वजह से बच्चों ने सुसाइड तक का प्रयास किया है। द जर्नल ऑफ साइकोलॉजिकल रिसर्च ऑन साइबर बुलिंगकी एक रिपोर्ट बताती है कि सुसाइड करने वाले 10 बच्चों में 5 बच्चे कभी-न-कभी साइबर बुलिंग के शिकार हुए हैं।