Yuva Haryana

दिन रात पूरी नींद लेने के बावजूद भी आता है आलस: कहीं आप भी तो नहीं है इस बीमारी के शिकार

 
sleep
Sleep: कई लोग अपनी नींद भी पूरे लेते है। लेकिन इसके बावजूद शरीर में आलस बना रहता है। ऐसा क्यों होता है क्या आपने कभी सोचा है।

डॉक्टर ने दी ज्यादा पानी और कॉफी पीने की सलाह

एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के उत्तरी कैरोलाइना में एक 26 साल की मॉडल एलिसा डेविस को भी यही स्लीप डिसऑर्डर था। वह 12 से 14 घंटे तक सोती रहती, लेकिन उसका आलस नहीं जा रहा था। जब इस बारे में डॉक्टर से कंसल्ट किया गया तो डॉक्टरों ने उसे ज्यादा पानी और कॉफी पीने की सलाह दी। लेकिन नींद तब भी नहीं भागी। सब उसे आलसी समझते थे और वह खुद को भी यही समझने लगी थी।

sleep

इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया नाम की बीमारी

जब स्थिति काफी गंभीर हो गई तो न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ और स्लीप एक्सपर्ट डॉक्टरों ने उसका चेकअप किया। पता चला कि उसकी इस कंडीशन का कारण इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया नाम की बीमारी है। यह एक रेयर स्लीप डिसऑर्डर है।

क्या होता है इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया?

यह एक रेयर स्लीप डिसऑर्डर है। इसमें हर समय थकान महसूस होती रहती है और पूरी रात सोकर उठने के बाद भी फिर सोने का मन करता है। हाइपरसोम्निया से जूझ रहे व्यक्ति को इतनी तेज बेहोशी के साथ नींद आती है कि उसे ठीक उसी समय कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटे तक की नींद लेनी पड़ सकती है। इस नींद के पीछे कारण नींद का पूरा न होना या कोई मेंटल हेल्थ कंडीशन नहीं होती है। आमतौर पर यह समस्या टीनएज के आखिरी सालों में या वयस्क लोगों को शुरुआती सालों में हो सकती है। चूंकि लोग ज्यादा सोने को हेल्थ कंडीशन की तरह न देखकर आलस से जोड़कर देखते हैं, इसलिए इसे पहचानने में कई हफ्ते या महीने भी बीत जाते हैं।

sleep

कितनी रेयर है यह बीमारी?

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की निश्चित संख्या का पता लगा पाना मुश्किल है। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक हर 10 लाख लोगों में 20 से 50 लोग इस स्लीप डिसऑर्डर का शिकार होते हैं। दिल्ली के सीनियर फिजिशियन डॉ. बॉबी दीवान के मुताबिक अभी मेडिकल साइंस को इस स्लीप डिसऑर्डर को समझने और इसका इलाज करने के लिए बहुत रिसर्च करने की जरूरत है।

sleep

इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया के मुख्य लक्षण क्या हैं?

इसका सबसे आम लक्षण दिन में ज्यादा नींद आना है। यह नींद इतनी जोर से आती है कि किसी व्यक्ति के लिए बिना सोए रह पाना लगभग असंभव हो जाता है।अगर शख्स नैप लेता है तो यह कुछ मिनटों की बजाय घंटों की हो जाती है। ज्यादातर पेशेंट्स को शिकायत रहती है कि नैप लेने के बाद भी उन्हें ताजगी नहीं महसूस हो रही और लगातार एक थकान और आलसपन बना हुआ है।