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क्या आपके लिए भी सिरदर्द बनी है स्पैम कॉल? इस फोन सेटिंग को करें इस्तेमाल और पाएं छुटकारा

 
Smartphone:

Smartphone: स्मार्टफोन ने जिंदगी आसान की है, लेकिन सिरदर्द भी कम नहीं किया है। जब देखो तब, कोई-न-कोई कॉल करके कभी क्रेडिट कार्ड, कभी स्मार्ट कार्ड, कभी पर्सनल लोन तो कभी कुछ और बेचता रहता है। आप किसी बेहद जरूरी काम के बीच हैं, तभी फोन की घंटी बजेगी और फोन उठाते ही सामने वाला बिजली की रफ्तार से शुरू हो जाएगा, “हमारी कंपनी आपको लाइफ टाइम फ्री क्रेडिट कार्ड ऑफर कर रही है। कभी ये लॉटरी जीतने की खबर सुनाते हैं, तो कभी एक आसान से सवाल का जवाब देकर फलां पुरस्कार जीतने का वादा करते हैं। ये कॉल आमतौर पर टेलीमार्केटिंग कॉल होते हैं। इन्हें टेलीकम्युनिकेशन की भाषा में स्पैम कॉलकहते हैं। हाल ही में इसे लेकर कम्युनिटी सोशल प्लेटफॉर्म लोकल सर्किलके द्वारा एक सर्वे किया गया।

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सर्वे में देश भर के 60 हजार मोबाइल यूजर्स को शामिल किया गया।

इस सर्वे में शामिल 60% लोगों ने कहा कि उनके फोन पर हर दिन तीन या उससे ज्यादा स्पैम कॉल आते हैं। जबकि सिर्फ 6% लोग ही ऐसे थे, जिनके पास ऐसी कोई कॉल नहीं आई थी।

स्पैम कॉल या मैसेज क्या होते हैं?

स्पैम कॉल या मैसेज किसी अनजान नंबर से लोगों को किए जाने वाले कॉल या मैसेज होते हैं। जिसमें लोगों को लोन लेने, क्रेडिट कार्ड लेने, लॉटरी लगने, किसी कंपनी की कोई सर्विस या सामान खरीदने का झांसा दिया जाता है। यह सभी कॉल या मैसेज आपकी अनुमति के बिना की जाती हैं।

किन लोगों को स्पैम कॉल ज्यादा आ सकते हैं?

आमतौर पर स्पैम कॉल उन लोगों को ज्यादा आते हैं, जो स्पैम कॉल उठाते हैं और उसका जवाब देते हैं। स्पैम कॉल का जवाब देने से आपका नंबर कंपनी के पास उन नंबरों की लिस्ट में जुड़ सकता है, जो उनका फोन आमतौर पर उठाते हैं और रिस्पांस देते हैं। क्योंकि ऐडवर्टाइजमेंट कंपनियां या स्कैमर्स सोचते हैं कि इन लोगों को कभी-न-कभी निशाना बनाया जा सकता है। इसलिए आप जितना कम स्पैम के जाल में फंसेंगे, आपको उतनी ही कम स्पैम कॉल आएंगी।

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इन कंपनियों के पास आपका मोबाइल नंबर आता कहां से है?

जवाब- ज्यादातर लोगों के मन में यही सवाल उठता है कि मैंने इस कंपनी की कोई कोई सर्विस नहीं ली तो कंपनी के पास मेरा मोबाइल नंबर आखिर कहां से पहुंचा। दसअसल यूजर ही अपने मोबाइल नंबर जाने-अनजाने में इन कंपनियों तक पहुंचाते हैं। कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जो थर्ड पार्टी को आपका मोबाइल नंबर या ईमेल ID, उम्र या आपके शौक जैसा आपका पर्सनल डेटा बेचती हैं। जब आप किसी सर्विस के लिए साइन अप करते हैं तो कुछ कंपनियां अपनी टर्म्स एंड कंडीशन में इस बात का जिक्र करती हैं कि वे आपके डेटा का इस्तेमाल ऐडवर्टाइजमेंट के लिए या थर्ड पार्टी के साथ शेयर करने के लिए कर सकती हैं, लेकिन हममें से कोई कभी वो टर्म्स एंड कंडीशन पढ़ने की जहमत कहां उठाता है।