भारत के मेट्रो नेटवर्क ने अमेरिका को पीछे छोड़, बनेगा दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क, पहले स्थान पर है ये देश

Yuva Haryana : केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय के मंत्री हर्दीप सिंह पुरी ने भारत में मेट्रो नेटवर्क के कार्य को तेजी से बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने अनुमान लगाया है कि भारत का मेट्रो नेटवर्क आने वाले कुछ सालों में अमेरिका के नेटवर्क को पीछे छोड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क बन सकता है।
2023 में हुई 'अर्बन मोबिलिटी इंडिया कॉन्फ्रेंस सह एक्सपो' में मंत्री हर्दीप सिंह पुरी ने बताया कि वर्तमान में 9 सालों में भारत ने 20 शहरों में 895 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइनें चालू की हैं। इससे पहले, 2014 में भारत में केवल 248 किलोमीटर मेट्रो रेल सेवा उपलब्ध थी। वर्तमान में, 986 किलोमीटर की मेट्रो रेल परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
मुंबई और दिल्ली में दो नई प्रमुख मेट्रो लाइनें भी जोड़ी जा रही हैं, जो इस साल पूरी हो जाएंगी और उन्हें यात्रियों के लिए भी खोल दिया जाएगा। मुंबई में महत्त्वपूर्ण मेट्रो लाइन 3, जिसे एक्वा लाइन के नाम से भी जाना जाता है इसे पूरी तरह से भूमिगत बनाया जा रहा है। इसमें 33000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जा रहा है। यह लाइन कोलाबा-बांद्रा-एसईईपीजेड कॉरिडोर के साथ है, जो शहर के वित्तीय केंद्रों जैसे कि नरीमन प्वाइंट, बांद्रा-कुर्ला-कंपलेक्स, वर्ली आदि को जोड़ती है और गोरेगांव तक जाती है। इसे 2024 में पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
दिल्ली में चौथे चरण के तहत पहला खंड जुलाई 2024 तक खोला जाना है, जिसमें जनकपुरी पश्चिम आरके आश्रम मार्ग से मैजेंटा लाइन भी शामिल होगी। इसके अलावा, चौथे चरण की अन्य दो लाइनों पर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस नेटवर्क का दावा है कि प्रतिदिन लगभग एक करोड़ यात्री मेट्रो में सफर करते हैं।
वर्तमान में देश भर में कई मेट्रो परियोजनाएं का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसके बाद यात्रियों को और भी सुविधा मिलने वाली है।