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 दस्तावेजों के साथ बढ़ रही KYC की जरुरत: जानें क्या है यूनिफॉर्म KYC? क्या है फायदें?

 
यूनिफॉर्म KYC
KYC: आज के दौर में स्टॉक मार्केट में पैसा लगाना हो, आधार और पैन कार्ड को लिंक करना हो, ऑनलाइन पेमेंट ऐप एक्टिव करना हो या फिर म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो, इन सभी कामों के लिए हमें KYC के प्रोसेस से गुजरना ही पड़ता है।

बार-बार KYC कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी

आसान भाषा में कहें तो KYC के जरिए बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन यह जांच करते हैं कि उनका कस्टमर वास्तव में वही है, जो वह होने का दावा कर रहा है। लेकिन अब KYC को लेकर एक बड़ा बदलाव हो सकता है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कस्टमर के वैरिफिकेशन के लिए यूनिफॉर्म KYC लाने की बात कही है। यूनिफॉर्म KYC लागू होने के बाद कस्टमर्स को बार-बार KYC कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

यूनिफॉर्म KYC? क्या है फायदें?

KYC क्या है और CKYC की जरूरत क्यों है?

किसी भी कस्टमर की पहचान का एक तरीका है KYC। प्रत्येक कस्टमर को बैंक खाता, म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस अकाउंट खोलने के लिए KYC करानी पड़ती है। कई बार KYC अपडेट करने के लिए आपके डॉक्यूमेंट मांगे जाते हैं। इस प्रोसेस में बहुत सारी कागजी कार्रवाई, समय और खर्च लगता है। अब इस परेशानी को खत्म करने के लिए फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (FSDC) ने एक समान KYC शुरू करने की सलाह दी है। किसी भी फाइनेंशियल काम के लिए आपको केवल एक बार KYC करानी होगी। इसे यूनिफॉर्म KYC या CKYC कहा जाता है।

यूनिफॉर्म KYC क्या है?

शेयर बाजार, बैंक अकाउंट या फिर म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो KYC बार-बार सभी जगह सबमिट करना पड़ता है। इसी समस्या को खत्म करने के लिए यूनिफॉर्म KYC यानी सेंट्रल KYC लाया जा रहा है। ये नॉर्मल KYC से पूरी तरह अलग है। यूनिफॉर्म KYC के आने के बाद आपको KYC डॉक्यूमेंट सिर्फ एक बार जमा करने होंगे, जिसके बाद 14 अंकों का एक CKYC आइडेंटिफिकेशन नंबर मिल जाएगा। इसका इस्तेमाल बैंक अकाउंट, शेयर बाजार या फिर इंश्योरेंस जैसे फाइनेंशियल कामों के लिए किया जा सकेगा। यानी एक बार CKYC होने पर बार-बार KYC कराने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा।

यूनिफॉर्म KYC? क्या है फायदें?

यूनिफॉर्म KYC के क्या फायदे हैं?

यूनिफॉर्म KYC की बात करें तो इसका सबसे बड़ा फायदा यही है कि किसी भी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन जैसे शेयर मार्केट, बैंक अकाउंट, इंश्योरेंस के लिए अलग-अलग KYC करने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह KYC से जुड़ी सभी फॉर्मेलिटीज के लिए बहुत ही सिंपल और सेफ प्रोसेस है। CKYC फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडरों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इससे ग्राहकों की डिटेल और डॉक्यूमेंट्स को हर बार वेरीफाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

CKYC कैसे करा सकते हैं?

CKYC के लिए बहुत ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है। जब भी आप बैंक खाता खोलने या कोई फाइनेंशियल निवेश करने के बारे में सोचेंगे तो फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन खुद आपसे CKYC करवाने के लिए कहेंगे। यह एक बेहद सरल प्रोसेस है, जिसमें आपको कुछ जानकारी देनी होगी।