कैसे कॉमन पीपल से गैंगस्टर बने जठेड़ी और अनुराधा, कैसे कंप्यूटर चलाने वाले हाथों में आई बंदूक ?
गैंगस्टर जठेड़ी का हरियाणा से नाता
काला जठेड़ी को गैंस्टर लॉरेंस बिश्नोई का खास माना जाता है। वह हरियाणा में सोनीपत जिले के जठेड़ी गांव का रहने वाला है। लंबे समय से अपराध जगत से जुड़े संदीप उर्फ काला जठेड़ी पर पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले 7 लाख रुपए का इनाम रखा हुआ था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अलावा कई राज्यों की पुलिस उसे ढूंढ रही थी। हालांकि उसे स्पेशल सेल ने ही गिरफ्तार किया था। फरारी के दौरान उसने ही लॉरेंस गैंग को संभाला हुआ था। दिल्ली समेत 4 राज्यों में इस गैंग का वर्चस्व है।
काला जठेड़ी का अपराधिक डेटा
काला जठेड़ी फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उस पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में 30 से ज्यादा मामले दर्ज है। इनमें हत्या, फिरौती, रंगदारी, हत्या का प्रयास जैसे मामले शामिल है। काला जठेड़ी को 30 जुलाई 2021 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। उस पर दिल्ली पुलिस ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) लगाया हुआ है।
कैसे मिंटू बनी लेडी डॉन अनुराधा ?
सीकर की रहने वाली, कम्प्यूटर एप्लीकेशन में ग्रेजुएट राजस्थान के सीकर की रहने वाली अनुराधा के घर का नाम मिंटू है। बचपन में ही मां के गुजरने के बाद मिंटू (अनुराधा) के सिर पर सिर्फ पिता का ही साया बचा था। आर्थिक हालत कमजोर होने के चलते पिता कमाने के लिए बाहर चले गए। अनुराधा पढ़ाई में तेज थी। उसने बीसीए जैसी प्रोफेशनल डिग्री ली थी। नॉर्मल जॉब उसका एंबिशन नहीं था।
शादी के बाद अनुराधा और उसके पति फैलिक्स दीपक मिन्ज ने सीकर में शेयर ट्रेडिंग का काम शुरू किया था। दोनों ने मिलकर लोगों के लाखों रुपए ट्रेडिंग में लगवा दिए। अचानक उसका धंधा चौपट हुआ और करोड़ों के कर्ज में डूब गई। कर्ज खत्म करने के लिए उसने जुर्म का रास्ता चुना। उसने अपने पति को भी छोड़ दिया।
कैसे कंप्यूटर चलाने वाले हाथों में आई बंदूक ?
बिजनेस में हुए नुकसान के बाद कर्जदारों को पैसा वापस लौटाने का दबाव बना तो वो हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा के जरिए कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के संपर्क में आ गई। बताते हैं कि आनंदपाल के ठेठ पहनावे को अनुराधा ने ही बदला था। यहां तक की उसे अंग्रेजी बोलना भी सिखाया। इसी के बदले आनंदपाल ने अनुराधा को AK-47 चलाना सिखाया।