आज से शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, इन आठ दिनों में भूलकर भी न करें ये काम
होलाष्टक में भूल से भी न करें ये काम
कहा जाता है कि होलाष्टक में कभी भी विवाह, मुंडन, नामकरण, सगाई समेत 16 संस्कार नहीं करने चाहिए। साथ ही इस दौरान नए मकान का निर्माण कार्य प्रारंभ न कराएं और न ही गृह प्रवेश करें। होलाष्टक के समय में नए मकान, वाहन, प्लॉट या दूसरे प्रॉपर्टी की खरीदारी से बचना चाहिए। होलाष्टक के समय में कोई भी यज्ञ, हवन आदि कार्यक्रम नहीं करना चाहिए। आप चाहें तो ये कार्य होली के बाद या उससे पहले कर सकते हैं।
होलाष्टक के दौरान नौकरी परिवर्तन से बचना चाहिए।
यदि नई जॉब ज्वाइन करनी है, तो उसे होलाष्टक के पहले या बाद में करें। साथ ही ये भी कहा जाता है कि होलाष्टक के समय में कोई भी नया बिजनेस शुरू करने से बचना चाहिए, क्योंकि नए बिजनेस की शुरुआत के लिए ये समय अच्छा नहीं माना जाता है।
होलाष्टक में क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य ?
पौराणिक मान्यता के अनुसार कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या भंग कर दी थी। इससे रुष्ट होकर शिव जी ने प्रेम के देवता कामदेव को फाल्गुन माह की अष्टमी तिथि के दिन ही भस्म कर दिया था। इसके बाद कामदेव की पत्नी रति ने शिव की आराधना की और कामदेव को पुनर्जीवित करने की प्रार्थना की, जिसके बाद शिवजी ने रति की प्रार्थना स्वीकार कर ली। महादेव के इस निर्णय के बाद कामदेव फिर से जीवित हो गए और होलाष्टक का समापन हो गया। साथ ही लोगों ने इसकी खुशी में जश्न मनाया। तभी से होली के पर्व की भी शुरुआत हुई।