Chd election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हुई सुनवाई, कोर्ट ने नहीं लगाया स्टे, जानें क्या है पूरा मामला?

Chd election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हुई सुनवाई, कोर्ट ने नहीं लगाया स्टे, जानें क्या है पूरा मामला?
Chd election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मेयर चुनाव पर स्टे नहीं लगाया है। हाईकोर्ट ने 3 हफ्ते में इसकी पूरी रिपोर्ट तलब की है।
रिपोर्ट सील कर स्ट्रॉन्ग रूम में रखी
इस मामले में याचिकाकर्ताओं की जल्द सुनवाई की मांग भी पूरी नहीं हुई। इसके अलावा उन्होंने रिकॉर्ड सीज करने की मांग की थी लेकिन प्रशासन ने कहा कि रिकॉर्ड पहले ही सील कर स्ट्रॉन्ग रूम में रख दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
इससे पहले मंगलवार को मेयर इलेक्शन हुआ था। जिसमें भाजपा पार्षद मनोज सोनकर मेयर चुने गए। उन्होंने आप-कांग्रेस अलायंस के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 4 वोटों से हरा दिया। हालांकि भाजपा के पास सांसद और पार्षदों के मिलाकर 15 ही वोट थे। एक वोट उन्हें अकाली दल का मिला। कांग्रेस और आप के मिलाकर 20 वोट थे लेकिन इनमें से चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने 8 वोट इनवैलिड करार दे दिए।
इसके विरोध में अलायंस मेयर कैंडिडेट कुलदीप टीटा की तरफ से इसको लेकर याचिका लगाई गई। याचिका में उन्होंने प्रिजाइडिंग अफसर अनिल मसीह पर धांधली का आरोप लगाया।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि मेयर का चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ और वोटों की गिनती के दौरान नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसलिए इस चुनाव को रद्द कर दोबारा से चुनाव कराने के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाने चाहिए।
प्रिजाइडिंग अफसर पर यह आरोप
याचिका में आरोप लगाया है कि अनिल मसीह ने बहुत ही अजीब ढंग से सदन को संबोधित करते हुए वोटों की गिनती खुद ही कर दी है। इसमें दोनों उम्मीदवारों के किसी भी एजेंट को वोटों की गिनती के लिए नहीं बुलाया गया है। 8 वोटों को इनवैटिड करने का कोई कारण भी विपक्ष को नहीं दिखाया।
विपक्ष का कहना है कि चुनाव के वीडियो से पता चलता है कि मसीह केवल भ्रम पैदा करने के उद्देश्य से वोटों को एक टोकरी से दूसरी टोकरी में बदल रहे थे। इसके दौरान उन्होंने जालसाजी और छेड़छाड़ करके चुनाव प्रक्रिया में पूरी तरह गड़बड़ी की है।