BJP ने विज्ञापन पर बहाया पानी की तरह पैसा: गूगल-यूट्यूब को दिए 102 करोड़ रुपए, जानें पूरा मामला
Bjp ad kharch : पिछले 6 साल में गूगल और यूट्यूब पर कुल 390 करोड़ रुपए के पॉलिटिकल विज्ञापन पब्लिश हुए हैं। भाजपा गूगल और यूट्यूब पर विज्ञापन के लिए 100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने वाली पहली भारतीय पॉलिटिकल पार्टी बन गई है। गूगल की विज्ञापन ट्रांसपेरैंसी रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मई 2018 से 25 अप्रैल 2024 तक भाजपा ने 102 करोड़ रुपए विज्ञापन के लिए खर्च किए हैं।
पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड आया सामने
पिछले पांच सालों में पब्लिश्ड गूगल विज्ञापन में भाजपा का हिस्सा करीब 26% है। इस दौरान कुल 390 करोड़ रुपए के पॉलिटिकल विज्ञापन पब्लिश हुए हैं। इस दौरान कुल 2.17 लाख ऑनलाइन ऐड दिए गए हैं। इनमें से कुल 1.61 लाख ऐड (73%) राजनीतिक विज्ञापन कैटेगरी के तहत भाजपा के थे। भाजपा ने कर्नाटक में सबसे ज्यादा 10.8 करोड़ रुपए के ऐड दिए हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश के लिए पार्टी ने 10.3 करोड़, राजस्थान के लिए 8.5 करोड़ और दिल्ली के लिए 7.6 करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले और दूसरे फेज के दौरान (19 से 25 अप्रैल तक) भाजपा से ज्यादा खर्च कांग्रेस ने किया है। कांग्रेस ने 5.7 करोड़ रुपए, जबकि भाजपा ने 5.3 करोड़ खर्च किए हैं।
कांग्रेस ने सबसे ज्यादा विज्ञापन साउथ के राज्यों में दिए
रिपोर्ट में कहा गया है कि 5992 ऑनलाइन ऐड के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। पार्टी ने इन विज्ञापनों पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। जो भाजपा के ऐड का सिर्फ 3.7% है। इसके विज्ञापन अभियान मुख्य रूप से कर्नाटक और तेलंगाना (प्रत्येक पर 9.6 करोड़ रुपए से अधिक खर्च) और मध्य प्रदेश (6.3 करोड़ रुपए) पर केंद्रित थे।
रिपोर्ट के तीन महत्वपूर्ण पॉइंट्स
तीसरे स्थान पर तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK है। इसने 2018 से अब तक ऑनलाइन ऐड पर 42 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसमें इस साल फरवरी से राजनीतिक सलाहकार फर्म पॉपुलस एम्पावरमेंट नेटवर्क द्वारा उसकी ओर से खर्च किए गए 16.6 करोड़ रुपए भी शामिल हैं।
तमिलनाडु के बाहर DMK ने कर्नाटक और केरल में डिजिटल विज्ञापनों पर 14 लाख रुपए और 13 रुपए खर्च किए। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने अलग-अलग पार्टियों के लिए 11.2 करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए हैं।
भाजपा को कांग्रेस से 7 गुना ज्यादा फंडिंग
इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 2023 में मिले 1300 करोड़ रुपए । भारतीय जनता पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 2022-23 में कुल 1300 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली है। जबकि इन्हीं बॉन्ड के जरिए कांग्रेस को महज 171 करोड़ रुपए का फंड मिला है। यह जानकारी चुनाव आयोग ने शेयर की है। देश में दो चरणों में 190 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। यानी कुल 543 में 35% सीटों के प्रत्याशियों के भाग्य EVM में बंद हो चुके हैं। इन दो चरणों में कम वोटिंग ने सियासी दलों के साथ वोटर्स को भी भ्रमित कर दिया है। चुनाव प्रचार भी पीक पर पहुंच गया है