डीप स्लीप फैट बर्न का बेहतर तरीका: इंटरमिटेंट फास्टिंग से नींद में भी घटता है मोटापा, जानें 5 तरीके
Fat burn: आज के दौर में मोटापा एक बड़ी समस्या है। लेकिन मोटापा कम करना आसान नहीं है। ऐसे में आपको सुनने में थोड़ा चौंकने वाला लग सकता है, लेकिन यह सच है। अगर कुछ आदतों को अपनाया जाए तो नींद के दौरान भी शरीर में जमा फैट को कम किया जा सकता है। आज जानिए विज्ञान आधारित ऐसे ही पांच तरीकों के बारे में
डीप स्लीप फैट बर्न का बेहतर तरीका
डीप स्लीप नींद की वह अवस्था है, जब शरीर प्रभावी तरीके से फैट बर्न करता है। रोज 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद इस प्रक्रिया को बढ़ाती है। गहरी नींद के लिए बेड टाइम रूटीन जरूरी है। सोने से लगभग दो घंटे पहले गैजेट्स बंद कर दें। बेडरूम ठंडा रखें। कमरे का वातावरण खुशनुमा रखें।
वीकेंड में भी तय समय पर ही सोएं और जागें
जब आप रोज तय समय पर सोते और जागते हैं तो शरीर फैट बर्न करने वाले हॉर्मोन जैसेकि ग्रोथ हॉर्मोन को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करता है। इसके अलावा यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को नियंत्रित करता है, जिससे फैट बर्न करने में मदद मिलती है। इसलिए वीकेंड में भी तय समय पर ही सोएं और जागें। इससे शरीर की प्राकृतिक सर्केडियन रिद्म बेहतर होगी।
रात का भोजन जल्दी खाएं और प्रोटीन बढ़ाएं
सोने के 2 से 3 घंटे पहले भोजन और उसमें अधिक लीन प्रोटीन दोनों जरूरी हैं क्योंकि भोजन के तुरंत बाद सोने से शरीर फैट बर्निंग मोड में नहीं आ पाता। वहीं लीन प्रोटीन रेस्टिंग मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है। यह देर रात होने वाली क्रेविंग भी घटाता है। दालें, बेसन का चीला, पनीर, अंडे आदि इसका अच्छा स्रोत हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग से नींद में फैट तेजी से बर्न होता है
इसमें भोजन की अवधि को सीमित करते हुए उपवास की अवधि को बढ़ाते हैं। इससे शरीर ऊर्जा के लिए पहले से जमा फैट का उपयोग करना शुरू कर देता है। इसे 12 घंटे के उपवास से शुरू कर 14 से 16 घंटे तक बढ़ा सकते हैं।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से पाचन बेहतर होता है
दिन के समय स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से (वजन उठाने वाली और रेजिस्टेंस एक्सरसाइज) मसल मास बढ़ता है। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे नींद के दौरान फैट बर्न करने में मदद मिलती है। यदि जिम नहीं जा सकते हैं तो बॉडीवेट एक्सरसाइज जैसेकि पुशअप, प्लैंक आदि भी पर्याप्त हैं।