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 किसकी बातों में उलझा कांग्रेस का जीया ? कैसे सिरदर्द बनी गुजरात की भरूच सीट ?

 
Faisal Ahmed Patel:

किसकी बातों में उलझा कांग्रेस का जीया’ ? कैसे कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी गुजरात की भरूच सीट ?

Faisal Ahmed Patel: एक समय दिल्ली के 10 जनपथ से लिए जाने वाले निर्णयों में दिवंगत पूर्व सांसद अहमद पटेल की सलाह की छाप होती थी, आज उनके बेटे फैजल अहमद पटेल को पार्टी के भीतर टिकट के लिए संघर्ष करते हुए देखा जा रहा है. दिल्ली के 10 जनपथ पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का आवास है और अहमद पटेल कभी उनके राजनीतिक सचिव हुआ करते थे, इसलिए उन्हें 10 जनपथ के चाणक्य के तौर पर भी जाना जाता रहा है.

गुजरात की भरूच सीट बनी सिरदर्द

ऐसी खबर है कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 'इंडिया' गठबंधन के तहत गुजरात की भरूच सीट आम आदमी पार्टी (AAP) को दे दी है. यह वही सीट है जहां से अहमद पटेल तीन बार चुनकर लोकसभा पहुंचे थे. यह सीट कांग्रेस की पारंपरिक सीट मानी जाती है. आम आदमी पार्टी को यह सीट मिलने पर कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के साथ-साथ अहमद पटेल के परिवार में भी खासी नाराजगी देखी जा रही है क्योंकि इस सीट से चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षा दिवंगत दिग्गज नेता के बेटे फैजल पटेल और बेटी मुमताज पटेल दोनों जता चुके हैं. 

फैजल पटेल का बुरा हाल

गठबंधन के तहत 'आप' के खाते में भरूच सीट जाने की बात से फैजल पटेल का बुरा हाल है. मीडिया पर उनके बयानों से इसका अंदाजा लगता है. उन्होंने यहां तक कहा है कि अगर भरूच लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को चुनाव नहीं लड़ने दिया गया तो वह इंडिया गठबंधन को सपोर्ट नहीं करेंगे.

क्या कुछ बोले फैजल पटेल?

फैजल पटेल ने कहा, ''कांग्रेस एक डेमोक्रेटिक पार्टी है और इंडिया अलायंस हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है. अलायंस में जो भी निर्णय हो, कांग्रेस पार्टी को ही अगर कैंडिडेचर मिले तो ही कांग्रेस पार्टी को फायदा होगा और इंडिया अलायंस को भी फायदा होगा. भरूच लोकसभा जीतने के लिए ज्यादा आसानी कांग्रेस पार्टी की होगी, आम आदमी पार्टी की जो स्ट्रेंथ है, हमारी एक ही असेंबली सीट में है...''

उन्होंने कहा, ''...अभी भरूच डिस्ट्रिक्ट कांग्रेस में हम सबने निर्णय लिया कि हम अलायंस में ये अलायंस (आप को सीट) नहीं चाहते हैं भरूच डिस्ट्रिक्ट में. कांग्रेस को ही मिलनी चाहिए ये सीट और जो पार्टी वर्कर्स कह रहे हैं, मैं भी वैसे ही करता रहूंगा, मैं इस अलायंस को सपोर्ट जरूर नहीं करूंगा.''

मुमताज पटेल की हाई कमान से उम्मीद बरकरार

उधर, शुक्रवार (23 फरवरी) को मीडिया से बात करते हुए अहमद पटेल की बेटी और कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने इस घटनाक्रम पर कहा, ''अभी बातचीत चल रही है, पूरा फैसला हुआ नहीं है, तो हम इंतजार करते हैं, पर जब ये खबर आई तो नाराजगी बहुत हुई थी हमारे पूरे काडर को.''

मुमताज ने कहा, ''लोग अहमद पटेल के परिवार का नाम ले रहे हैं, अहमद पटेल का परिवार न कि सिर्फ मैं और फैजल हैं, पर अहमद पटेल का परिवार कांग्रेस का संगठन है, खासकर भरूच में. कहीं न कहीं उनको (स्थानीय कार्यकर्ताओं) एक आशा थी क्योंकि हमारा परिवार इन्वॉल्व्ड है तो ये सीट कांग्रेस के पास ही रहेगी लेकिन जब ये खबर सुनने में आई तो बहुत नाराज हुए थे लोग और बहुत ही डिमॉरलाइज थे.''

उन्होंने कहा, ''हमें पूरी अपेक्षा है हाई कमान से, कांग्रेस पार्टी से, आज हमने सुना है कि हमारे लीडर राहुल गांधी जी ने भी आपत्ति जताई है, इस सीट को कांग्रेस पार्टी से हटाकर आम आदमी पार्टी को दे देने पर. तो हम पूरी उम्मीद रख रहे हैं कि यह सीट कांग्रेस के साथ ही रहेगी.''

AAP ने भरूच से किसे बनाया उम्मीदवार?

गुजरात की भरूच लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार की घोषणा जनवरी की शुरुआत में ही कर दी थी. दरअसल, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल 6 जनवरी को तीन दिन की यात्रा के लिए गुजरात गए थे. अगले दिन 7 जनवरी को भरूच के नेत्रंग में अपनी एक रैली के दौरान केजरीवाल ने मौजूदा विधायक चैतर वसावा के नाम का ऐलान लोकसभा उम्मीदवार के रूप में कर दिया था.

उस दौरान भी स्थानीय कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से खासी नाराजगी जताई गई थी. जनवरी में ही एबीपी न्यूज के साथ बातचीत के दौरान मुमताज पटेल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अरविंद केजरीवाल की ओर से गठबंधन धर्म तोड़ने वाला 'प्रीमैच्योर अनाउंसमेंट' करार दिया था.

अहमद पटेल के नाम पर राजनीति

अहमद पटेल कांग्रेस से सबसे कद्दावर माने जाने वाले नेताओं में से एक थे. वह कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव तो बने ही थे, इससे पहले 1985 में उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव के रूप में भी कार्य किया था. अहमद पटेल ने आठ बार संसद में गुजरात का प्रतिनिधित्व किया था. 1977-1989 के बीच वह तीन बार लोकसभा सदस्य के रूप में चुने गए थे और 1993 से 2020 के बीच वह पांच बार राज्यसभा सांसद रहे थे.

आपातकाल के दौरान हुए चुनाव में जीते थे अहमद पटेल

1977 में जब देश में आपातकाल के दौरान छठें लोकसभा चुनाव हुए थे तो कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा था, यहां तक कि उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी रायबरेली से और उनके बेट संजय गांधी अमेठी से चुनाव हार गए थे. इंदिरा गांधी ने उस चुनाव में भरूच से अहमद पटेल को उतारा था. पटेल ने उस चुनाव में जीत दर्ज की थी.अहमद पटेल 2018 से 2020 के दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष भी थे. इसके अलावा भी वह कई पदों पर रहे थे. एहसान जाफरी के बाद अहमद पटेल गुजरात से लोकसभा सांसद के रूप में चुने जाने वाले दूसरे मुस्लिम नेता थे. 25 नवंबर 2020 को कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण उनका निधन हो गया था.