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कार इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ठग सकते हैं आप! इंश्योरेंस लेने से पहले चेक करें ये चीजें

 
कार इंश्योरेंस
car insurance: कार इंश्योरेंस आपको कार के क्षतिग्रस्त होने, चोरी होने, एक्सीडेंट होने या किसी अन्य तरह के नुकसान पर आर्थिक सुरक्षा देता है।

इंश्योरेंस सेक्टर इन दिनों बूम पर है। इसमें कई छोटी और मंझोली कंपनियों ने भी इंवेस्ट किया है। इस भीड़ का फायदा उठाकर कुछ सेल (खरीदने-बेचने वाली) कंपनियां भी इस सेक्टर में घुस गई हैं। यही वजह है कि इंश्योरेंस स्कैम का खतरा भी काफी बढ़ गया है। कार इंश्योरेंस स्कैम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

हर साल सैकड़ों की संख्या में लोग इस स्कैम का शिकार हो रहे हैं। लोग सस्ता इंश्योरेंस लेने के चक्कर में इन स्कैमर्स के जाल में फंस जाते हैं। जब उस इंश्योरेंस के जरिए गाड़ी ठीक कराने की बारी आती है, तब पता चलता है कि उनके साथ फ्रॉड हो गया है।

कार इंश्योरेंस

लोग कार खरीदते समय मॉडल से लेकर कलर तक खूब जांच-पड़ताल करते हैं, लेकिन कार इंश्योरेंस पर इतना ध्यान नहीं देते क्योंकि ज्यादातर लोगों लगता है कि वाहन का इंश्योरेंस एक अनावश्यक खर्च है।

आजकल इसी का फायदा उठाकर ठग वाहन मालिकों को सस्ते कार इंश्योरेंस का लालच देकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। इनसे बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।

कार इंश्योरेंस

कार इंश्योरेंस स्कैम क्या है?

कार इंश्योरेंस स्कैम फर्जी बीमा कंपनियों, धोखाधड़ी करने वाले एजेंट या बिचौलियों के द्वारा किया जाता है। स्कैमर मार्केट रेट से काफी कम रूपये में कार का इंश्योरेंस करने का लालच देते हैं। इसलिए लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं और इंश्योरेंस करवा लेते हैं।

स्कैमर कार मालिकों को वाहन का फर्जी इंश्योरेंस पकड़ा देते हैं। इस स्कैम को इतनी सफाई से अंजाम दिया जाता है कि धोखाधड़ी का शिकार लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगती। वे लगातार अपने इंश्योरेंस की सालाना किस्त भरते रहते हैं। धोखे का पता तब चलता है, जब कभी अचानक गाड़ी चोरी हो जाए या एक्सीडेंट हो जाए और इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजा लेने की नौबत आए।

कार इंश्योरेंस असली है या नकली, यह कैसे चेक करें?

ज्यादातर कार इंश्योरेंस स्कैम ऑनलाइन किए जाते हैं, जिसमें लोगों को हैवी डिस्काउंट का लालच दिया जाता है। लोगों को लगता है कि शॉपिंग वेबसाइट्स की तरह यहां भी कोई डिस्काउंट सेल चल रही है।

ध्यान रहे कि सही इंश्योरेंस कंपनी द्वारा ऑनलाइन या ऑफलाइन ऑफर वाली प्रीमियम प्राइसिंग में कोई अंतर नहीं आता है। ऑनलाइन बस आप यह आसानी से देख सकते हैं कि आपको यह पर्टिकुलर सर्विस चाहिए या नहीं। इसलिए प्राइसिंग में अंतर होने पर सतर्क हो जाएं।

कार इंश्योरेंस कितने तरह के होते हैं और इंश्योरेंस कराना क्यों जरूरी है?

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस- मोटर व्हीकल एक्ट ऑफ इंडिया, 1988 के मुताबिक सभी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है। यानी अगर आपकी कार से किसी को कोई चोट या नुकसान पहुंचता है तो इंश्योरेंस कंपनी उसके लिए मुआवजे का भुगतान करेगी। साथ ही आपके वाहन को हुए नुकसान की भी भरपाई करेगी।

ऑन डैमेज इंश्योरेंस- इस पॉलिसी को लेना अनिवार्य नहीं है। इसमें सड़क दुर्घटना होने पर वाहन को होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है। यह इंश्योरेंस शारीरिक चोट या मृत्यु के लिए भी कवरेज देता है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं और दंगे की स्थिति में होने वाली क्षति को भी कवर करता है।

कॉम्प्रेहेंसिव कार इंश्योरेंस- इस पॉलिसी में हादसा होने, वाहन चोरी होने और प्राकृतिक आपदा होने पर भी क्लेम मिलता है। इसे लेना भी अनिवार्य नहीं है।

कार इंश्योरेंस स्कैम से बचने के लिए क्या करें?

अपनी कार के लिए इंश्योरेंस प्लान लेने से पहले नकली कार बीमा पॉलिसी की पहचान करना जरूरी है। इसके लिए बीमा कंपनी और एजेंट के बारे में रिसर्च जरूर करें। इसके अलावा कार इंश्योरेंस स्कैम से बचने के लिए इन टिप्स को अपना सकते हैं।