Yuva Haryana

 रोहतक: रोडवेज कर्मचारियों की राज्यस्तरीय बैठक, मांगें न मानने पर आंदोलन की चेतावनी

 
रोडवेज कर्मचारियों की बैठक
Roadways meeting: रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा की कामरेड बलदेव घणघस रोडवेज भवन रोहतक में राज्य स्तरीय बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता राज्य प्रधान ओमप्रकाश ग्रेवाल ने व संचालन राज्य महासचिव जयबीर घणघस ने किया। राज्य प्रधान ओमप्रकाश ग्रेवाल ने बताया कि सरकार द्वारा 23 जून 2023 को कर्मचारियों की कई मांगों पर सहमति बनी थी। जिनके लागू करने के परिपत्र जारी करने का आश्वासन दिया था। जिसमें परिचालक, चालक, लिपिक का पे ग्रेड बढ़ाना, 2002 के चालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का करना, चालकों की अड्डा इंचार्ज के पद पर प्रमोशन करना, छुट्टियों को ज्यों की त्यों करना आदि मांगे मानी गई थी।

सरकार मानी गई मांगों को लागू ना करके चुनाव आदर्श सहिता की आड़ में कर्मचारी व विभाग विरोधी नीतियों को थोप रही हैं। हर दिन कर्मचारी व विभाग विरोधी फरमान जारी कर रही हैं। कर्मचारियों के ओवर-टाइम को सीमित करना, छुट्टियां को कम करना, प्राइवेट परमिट पॉलिसी लागू करना।

सरकार घाटा दिखाकर बंद करना चाहती है वर्कशॉप

सरकार करनाल व हिसार सेंट्रल वर्कशॉप को मनगढ़ंत कहानी बना करके घाटा दिखा करके बंद करना चाहती हैं। सरकार के उपक्रम बॉडी सेक्सन गुरुग्राम से ना निर्मित करवा करके प्राइवेट कम्पनियों से निर्मित करवाने की योजना तैयार कर रही हैं।

जो किसी भी सूरत में विभाग हित में नहीं हैं। सरकार द्वारा अभी हाल में चालक परिचालकों का रात्रि ठहराव भत्ता केवल 10 रात्रि ठहराव सीमित करने फरमान जारी किया हैं। यह निर्णय विभाग जनता हित में नहीं हैं क्योंकि सभी डिपो में सभी मार्गों अनुसार स्टाफ उपलब्ध नहीं हैं।

रोडवेज कर्मचारियों की बैठक

मांग नहीं मानी तो करेंगे आंदोलन

उन्होंने कहा कि जिन मार्गों पर स्टाफ उपलब्ध नही हैं और 10 रात्रि ठहराव के बाद इन रात्रि ठहराव मार्गों से चालक, परिचालकों हटाया गया तो इन मार्गों पर रात्रि ठहराव पर चलने के लिए स्टाफ उपलब्ध ना होने के कारण ये मार्ग बंद हो जाएंगे।

जिससे विभाग को राजस्व के रूप में नुकसान होगा और आम जनता, छात्र, छात्राओं को परिवहन से वंचित होगी। इसलिए जारी आदेश तुरंत वापिस लिए जाए। सरकार समय रहते 23 जून को मानी गई मांगों को लागू करें व कर्मचारी विरोधी फरमानों वापस लें। अन्यथा रोडवेज कर्मचारी हड़ताल जैसे बड़े आंदोलन करने को मजबूर होंगे।