Rewari court: 100 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला, रेवाड़ी कोर्ट में पेश हुए आरोपी, अब 27 मार्च को होगी अगली सुनवाई
Rewari court: हरियाणा सहकारिता विभाग में हुए 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले में आज रेवाड़ी कोर्ट में आरोपियों की पेशी हुई। इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज की है।
जेल में बंद है अनु कौशिक
इस घोटाले में शामिल अनु कौशिक और रामकुमार अभी जेल में बंद हैं, जबकि स्टालिनजीत सहित अनु कौशिश की बहन, माता-पिता और अन्य आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। स्टालिनजीत को छोड़कर ये सभी आरोपी शुक्रवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश RK जैन की कोर्ट में पेश हुए।
27 मार्च को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 27 मार्च लगाई है। जिस पर अनु कौशिश और रामकुमार को भी कोर्ट में पेश किया जा सकता है। बता दें कि करप्शन के इस केस में ACB के गुरुग्राम थाने में 4 अलग-अलग FIR दर्ज हैं। इनमें FIR नंबर-21, 22, 23 और 29 में आरोपियों की पेशी हुई।
मास्टरमाइंड अनु कौशिश के परिवार के खिलाफ दर्ज है FIR
ACB ने 13 मई 2023 को गुरुग्राम में 21 नंबर FIR दर्ज कराई थी। इस FIR में घोटाले की मास्टरमाइंड अनु कौशिश की कनाडा में रहने वाली बहन गुंजन कौशिश, दूसरी बहन नताशा कौशिश और उसके पिता, मां के नाम शामिल किए गए। इस केस में अभी तक गुंजन को छोड़कर एसीबी सभी की गिरफ्तारी कर चुकी है। अनु अभी जेल में है, अन्य लोग बेल पर बाहर आए हुए हैं। रेवाड़ी कोर्ट से नताशा कौशिश को 23 जनवरी 2024 को ही बेल मिली थी।
10 साल तक की सजा का है प्रावधान
गुरुग्राम के ACB थाना में दर्ज FIR में अनु कौशिश सहित अन्य लोगों के खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज है। इनमें 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। घोटाले के आरोपियों के खिलाफ 409, 420, 120B IPC, 467, 468, 4171, 201 & सेक्शन 7, 8, 13(1) b read with 13(2) of PC एक्ट की धाराएं शामिल की गई हैं।
अनु कौशिश है घोटाले की मास्टरमाइंड
100 करोड़ के घोटाले की मास्टरमाइंड असिस्टेंट रजिस्ट्रार अनु कौशिश और बिजनेसमैन स्टालिनजीत सिंह को एसीबी बता रही है। इन्होंने ही फेक बिल और फर्जी कंपनियों के नाम पर सरकारी पैसे को ठिकाने लगाया। साथ ही अपने बैंक अकाउंट का पैसा हवाला के जरिए दुबई और कनाडा तक पहुंचाया।
विदेश भागने की फिराक में थी आरोपी
ये दोनों भी विदेश भागने की फिराक में थे, लेकिन हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को इसकी भनक लग गई और दोनों को गिरफ्तार कर लिया। ACB ने मामले की गहनता से जांच करते हुए इसमें संलिप्त 6 गजेटेड अधिकारियों, ICDP रेवाड़ी के 4 अन्य अधिकारियों और 4 निजी व्यक्तियों की गिरफ्तारी की है।