रेवाडी-होली पर प्रशासन की तैयारी, पानी की विशेष सप्लाई, गर्मी आते ही बढ़ी डिमांड
गर्मी बढ़ने के साथ भी बढ़ी पानी की डिमांड
शहर की आबादी हर साल बढ़ती जा रही है, लेकिन पानी की उचित व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है। दरअसल, पौने 3 लाख आबादी को 16 दिन से एक दिन छोड़कर एक दिन पानी दिया जा रहा है। गर्मी के दस्तक देने के साथ शहर में 20 MLD से बढ़कर रोजाना 25 MLD (मिलियन लाख लीटर) पानी की डिमांड हो गई है। इसे पूरा करने के लिए विभाग ने अभी तक पेयजल आपूर्ति के समय में कोई बढ़ोतरी नहीं की है।
पानीपत की खूबडू से पहुंचता है पानी
पानीपत स्थित खूबडू हेड से रेवाड़ी तक जवाहरलाल नेहरू कैनाल के माध्यम से पानी पहुंचता है। इस दौरान नहरी पानी को 18 बार लिफ्ट करना पड़ता है। रेवाड़ी में नहरी पानी की मात्रा करीब 770 क्यूसेक निर्धारित की गई है, लेकिन जिले को महज 510 क्यूसेक पानी ही मिल पाता है। वहीं, दूसरी ओर नहरी पानी रेवाड़ी में महज 15 दिन ही चल पाता है।
नहर में पानी पूरे महीने नहीं आता। जबकि, पर्याप्त पानी को स्टोरेज करने की व्यवस्था भी नहीं है। जिसके चलते हर माह शहर के लोगों को अल्टरनेट-डे पानी की सप्लाई पर आधारित रहना पड़ता है।
शहर के 31 वार्डों की कॉलोनियों में पब्लिक हेल्थ विभाग रोजाना सुबह-शाम एक दिन छोड़कर एक दिन करीब एक घंटे तक पानी की आपूर्ति दे रहा है। जबकि, गर्मी के दस्तक देने के साथ ही पानी की मांग भी बढ़ चुकी है। नहरों में पानी 31 मार्च के बाद ही आएगा।
नहरी पानी पर आधारित पेयजल सप्लाई
शहर में नहरी पानी पर पेयजल सप्लाई आधारित है। नहर के पानी को कालका और लिसाना में बने वाटर टैंक में स्टोरेज किया जाता है। वहां से बूस्टिंग स्टेशन के माध्यम से शहर में पानी की सप्लाई होती है। पिछली बार मानसून में लोगों को पानी की समस्या से राहत मिली थी। इसके बाद सर्दी में भी पानी का संकट गहरा गया था। नहर में पानी आने तक पूरे शहर में पानी की नियमित आपूर्ति रख पाने में भी पब्लिक हेल्थ अधिकारियों के पसीने छूट जाते हैं। प्रशासन और जनस्वास्थ्य विभाग भी शहरवासियों पर त्योहारी सीजन के दौरान पानी की बर्बादी नहीं कर जल बचाने का संदेश देने में जुटा है।