राज्यसभा उपचुनाव : Punjab के इस नेता को हरियाणा के ‘रास्ते’ राज्यसभा भेजने की तैयारी, पढ़िए उपचुनाव की पूरी ताजा अपडेट
Yuva Haryana : हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। राज्यसभा की यह सीट कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है।
कई प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार भाजपा पंजाब के सिख नेता एवं केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को हरियाणा में होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के जरिए राज्यसभा भेज सकती है। इसकी वजह यह भी बताई जा रही है कि रवनीत सिंह भाजपा की तरफ से हरियाणा में सिख चेहरे के रूप में स्थापित हो सके।
चुनाव हारे, फिर भी मंत्री बने
आपको बता दें कि रवनीत बिट्टू लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। रवनीत आनंदपुर साहिब और लुधियाना से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार सांसद रह चुके है। इस बार उन्होंने भाजपा के टिकट पर लुधियाना से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वे हार गये थे।
बिट्टू कांग्रेस नेता राजा अमरिंदर सिंह वडिंग से करीब 20 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हरे थे। चुनाव हारने के बावजूद बीजेपी ने उन्हें केंद्रीय रेल राज्य मंत्री और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री बनाया। ऐसे में छह महीने के भीतर अगर बिट्टू को सांसद नहीं बनाया गया तो वह मंत्री पद पर नहीं रह सकेंगे।
हरियाणा में सिखों की मांग, भाजपा का ‘प्लान’
चर्चा यह भी है कि हरियाणा में पांच लोकसभा सीट की हार का तकड़ा झटका लगने के बाद भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
पिछले दिनों सिरसा में कई सिख संगठनों ने यह मांग उठाई थी कि उनके समुदाय से 15-20 लोगों को विधानसभा में टिकट दिया जाना चाहिए। ऐसे में भाजपा बिट्टू को राज्यसभा भेजकर सिख वोट बैंक को मजबूत करने का प्लान बना रही है।
हालांकि, पंजाबी वोटर्स को सांधने के लिए भाजपा सूबे के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पर भी राज्यसभा भेजने का दांव खेल सकती है। कुछ दिन पहले ही मनीष ग्रोवर ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की बात कह कर इस ओर इशारा किया है।
इन नेताओं की भी चर्चा
ऐसे में चर्चा यह भी है कि अगर भाजपा हरियाणा से रवनीत सिंह या मनीष ग्रोवर को राज्यसभा नहीं भेजती है तो बीजेपी जाट वोट बैंक साधने के लिए किसी जाट नेता को राज्यसभा भेज सकती है। इनमें पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ का नाम शामिल है। हालांकि, किरण चौधरी के भाजपा शामिल होने पर उनके नाम की भी चर्चा काफी हुई थी।
राज्यसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा की ओर से गैर जाट बिरादारी के नेताओं की बात करें तो पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल के नाम भी चर्चाओं में है।