Yuva Haryana

बारिश, ओलावृष्टि से किसानों की बढ़ी परेशानी, 11 जिलों में अलर्ट, आंधी-तूफान के साथ गिरेगी बिजली

 
Rain: बारिश
Rain: बारिश और बदलता मौसम किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। कैथल, झज्जर, बहादुरगढ़, पानीपत में 24 घंटे के दौरान बारिश और ओलावृष्टि हुई है। दो जिले हिसार और कैथल में आकाशीय बिजली गिरने के भी मामले आए हैं। कैथल के बालू में खेतों में भूसा निकाल रहे एक किसान की आकाशीय बिजली गिरने से मौत भी हो गई। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने आज भी 11 जिलों में यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

जींद, फतेहाबाद, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र और पंचकूला में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं सिरसा, हिसार, पानीपत, अंबाला और यमुनानगर में यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा है कि ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश और ओलावृष्टि के असार हैं। इस दौरान 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलेंगी। वहीं यलो अलर्ट वाले जिलों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं और हल्की बूंदाबांदी की संभावनाएं बनी हुई है।

Rain: बारिश

तीन जिलों का पारा पहुंचा 41 पार

हरियाणा के चार जिले ऐसे रिकार्ड किए गए हैं, जहां दिन का अधिकतम तापमान 41 डिग्री के पार पहुंच गया है। इनमें हिसार, पानीपत, रोहतक जिले शामिल हैं। महेंद्रगढ़ में सबसे अधिक 42.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा भिवानी जिले में सबसे कम 37 डिग्री पारा रिकॉर्ड किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान की बात करें तो पंचकूला में रात का तापमान सबसे कम रहा, यहां का न्यूनतम तापमान 19 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।

इसलिए हो रहा मौसम में बदलाव

मौसम में इस बदलाव की वजह विशेषज्ञों ने बताया है कि अब चार पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो चुके हैं। इनका आंशिक असर हरियाणा में भी हो रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में यह बदलाव अप्रैल के लास्ट तक रहने वाला है। इस दौरान बीच-बीच में हल्के बादल आने की संभावना है। दिन के अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी रहेगी, लेकिन रात के न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट होने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल के बाद मौसम में बदलाव दिखाई देंगे। इस दौरान सूबे में तपिश बढ़ेगी, दिन का पारा 40 डिग्री के पार रहने की संभावना है। मई की शुरुआत में ही लू का प्रकोप भी लोगों को झेलना पड़ सकता है।

 अप्रैल में दूसरी बार गिरे ओले

हरियाणा में छह दिन पहले मौसम का मिजाज बदल चुका है। चार जिले ऐसे रहे जहां तेज हवा के बाद बारिश हुई और ओले भी गिरे थे। मार्च से लेकर अप्रैल में इस बार दो महीने में चार बार बारिश के साथ ओले गिर चुके हैं। इससे सूबे के गेहूं और सरसों के किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।मौसम विभाग के अलर्ट को लेकर फिर से सूबे के किसानों की चिंताए बढ़ गई है। दक्षिण और दक्षिण पूर्व के रोहतक, सोनीपत, पानीपत इसके अलावा पश्चिम और दक्षिण पश्चिम के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, चरखी दादरी और भिवानी को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

बारिश किसानों के लिए नुकसानदायक

हरियाणा में बारिश के अलर्ट को लेकर एक बार फिर किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसका कारण है मंडियों में गेहूं के धीमे उठान हो रहा है। प्रदेश में करीब 60% गेहूं की फसल मंडियों में पहुंच चुकी है। 21 अप्रैल तक मंडियों में करीब 46.54 लाख टन गेहूं पहुंच चुका है, लेकिन 40 लाख टन ही गेहूं की खरीद हुई है।हैरानी इस बात की है कि अभी इस गेहूं की फसल में सिर्फ 2.70 लाख मीट्रिक टन ही फसल का उठान हुआ है। ओवरआल सिर्फ 36% ही फसल का उठान हो पाया है, बाकी गेहूं मंडियों में खुला पड़ा हुआ है।