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दर्दनाक:  प्राणों की आहुति देकर भी किसान नहीं बचा पाया फसल, एक एकड़ ठेके पर लेकर की थी खेती

 
फसल बचाने के लिए किसान ने जान गंवा दी

Kisan death: चरखी दादरी में आग से फसल बचाने की कोशिश में किसान के जिंदा जलने का दर्दनाक मामला सामने आया है। किसान की ढाई एकड़ गेहूं की फसल में आग लगी थी। वह उसे बचाने के लिए बुझाने की कोशिश कर रहा था।

एक घंटे बाद देखा गया शव

किसान आग की लपटों में आकर जिंदा जल गया। जब आग बुझी तो लोगों ने उसके ही खेत में जली फसल के ऊपर उसकी लाश पड़ी देखी। चरखी दादरी के गांव सांतौर में यह घटना मंगलवार को हुई।

फसल बचाने के लिए किसान ने जान गंवा दी

एक एकड़ ठेके पर लेकर की थी खेती

परिजनों के मुताबिक मरने वाला किसान जयप्रकाश है। उसके पास डेढ़ एकड़ जमीन थी। इसके बाद उसने एक एकड़ जमीन ठेके पर लेकर गेहूं की खेती की थी। आग लगने से पूरे ढ़ाई एकड़ में लगी गेंहू की फसल चपेट में आ गई।

फसल जलते देख पेड़ की टहनी लेकर बुझाने लगा

ग्रामीणों के मुताबिक जैसे ही जयप्रकाश को पता चला कि उसकी फसल में आग लग गई है तो वह खेत में पहुंचा। आग की लपटें काफी तेज थी। उसने वहां पेड़ से टहनियां तोड़ी और खेत में लगी आग बुझाने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान आग इतनी भड़की कि वह खुद भी इसकी चपेट में आ गया और फिर बाहर नहीं निकल सका।

फसल बचाने के लिए किसान ने जान गंवा दी

एक घंटे बाद दिखी लाश

जयप्रकाश के खेतों के अलावा आसपास में 7 किसानों के खेत में आग लगी थी। जयप्रकाश के आग बुझाने के दौरान जिंदा जलने का पता करीब एक घंटे बाद चला, जब खेत की पूरी फसल जलकर खाक हो गई और आग की लपटें बंद हो गईं। इसके बाद लोग वहां देखने गए तो जयप्रकाश जला पड़ा था।

किसान नेता बोले- बच्चों जैसी फसल बचाने को किसान खुद जल गया

किसान नेता तेजवीर सिंह ने किसान जयप्रकाश की जिंदा जले की फोटो शेयर करते हुए लिखा-'' कितना कठिन है अपनी बच्चों जैसी फसल को जलते देखना, किसान खुद जल गया अपनी फसल के साथ। गांव सांतोर, जिला चरखी दादरी (हरियाणा) में गेहूं के खेतों में में आग बुझाने की कोशिश में किसान जयप्रकाश के जलने से दर्दनाक मौत हो गई।

चश्मदीद बोले- गेहूं में आग देख दौड़ा, फिर बुझाने लगा

गांव के चश्मदीद लोगों के मुताबिक जयप्रकाश गेहूं की फसल कटवाने के लिए आ रहा था। जब वह खेत में पहुंचा तो देखा कि आग लगी है। वह खेत की तरफ दौड़ने लगा तो गिर गया। वह फिर उठा और दौड़ते हुए खेत तक पहुंचा। जिसके बाद वह आग बुझाने की कोशिश करने लगा। गांव वाले जब तक आए तो उसकी मौत हो चुकी थी।