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 हरियाणा में अभी और होगी बारिश:  मौसम विभाग ने 5 जिलों में जारी किया अलर्ट

 
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Weather alert: बढ़ती गर्मी और खराब मौसम लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। ऐसे में आज भी मौसम विभाग ने उत्तर हरियाणा के 5 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल में गरज-चमक के साथ बारिश होने के आसार बने हुए हैं। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर स्पीड से ठंडी हवाएं भी चलेंगी।

3 अप्रैल तक खुश्क रहेगा मौसम

हरियाणा के कृषि मौसम विज्ञान विभाग की ओर से संभावना जताई गई है कि सूबे में मौसम आमतौर पर 3 अप्रैल तक खुश्क रहेगा, लेकिन बीच-बीच में हल्के बादल भी छाए रहेंगे। हालांकि, मौसम के इस बदलाव से दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होगी, लेकिन रात के तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है। 4 अप्रैल को मौसम में बदलाव संभावित है।

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रात के समय बढ़ा तापमान

हरियाणा में 24 घंटे के दौरान हुई बारिश और ओलावृष्टि से अधिकतम तापमान में 15 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। शनिवार को अंबाला में न्यूनतम तापमान 17.4 और नूंह का अधिकतम तापमान 22.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। हालांकि, रात के तापमान में बढ़ोतरी देखी गई, रोहतक में रात का न्यूनतम तापमान 21.8 दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5.1 डिग्री ज्यादा रहा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि सूबे में गर्मी की शुरुआत हो चुकी है, दो दिन बाद फिर से तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

पिछले 24 घंटे की बारिश का रिकॉर्ड

पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर में हुई, यहां 11.6 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके बाद अंबाला में 8.5, पंचकूला में 3.2, नूंह में 1.6, पलवल में 1.5, गुरुग्राम में 1.4, फरीदाबाद में 1.3, रेवाड़ी में भी 1.3, सोनीपत में 8.0, कुरुक्षेत्र में 0.5, रोहतक में 0.1 और झज्जर में 0.1 एमएम बारिश हुई। ओवरऑल यदि हम देखें तो मार्च में इस बार सामान्य से 1.1 मिलीलीटर बारिश हुई है। सूबे में 1 से 30 मार्च तक 16.6 एमएम बारिश हो चुकी है।

ओले आए किसानों के लिए परेशानी लाए

ओलों के साथ हो रही बारिश से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। 2 और 3 मार्च को हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की गेहूं और सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ था। सरकार के विशेष गिरदावरी के निर्देश के बाद अब तक 11.23 लाख एकड़ फसल खराब होने की सूचना आ चुकी है।इसके बाद अब फिर मौसम खराब हो गया है, जबकि किसानों की फसल खेतों में ही पड़ी है। बारिश और ओलावृष्टि होने से इस बार किसानों को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है।