लोकसभा चुनाव 2024: JJP छोड़ सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह, कांग्रेस में जाने की चर्चा
2018 से जेजेपी के साथ हैं निशान सिंह
खबर है कि जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह आज पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। निशान सिंह के कांग्रेस में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। दिसंबर 2018 में जजपा बनने के साथ ही उन्हें प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी गई। 2021 और 2023 में जजपा के पूरे संगठन में फेरबदल हुआ, लेकिन निशान सिंह को हर बार प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि निशान सिंह पार्टी के सीनियर नेताओं के कुछ फैसलों से सहमत नहीं हैं। यही वजह है कि वह अब सात साल बाद जजपा से नाता तोड़ने जा रहे हैं।
पार्टी के कई फैसलों से नाराज थे निशान सिंह
निशान सिंह के इस्तीफे के पीछे की एक और वजह भी सामने आ रही है। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि निशान सिंह 2000 में टोहाना से विधायक बने थे। उनका कार्यक्षेत्र भी यही है। 2019 के विधानसभा चुनाव में जजपा ने कांग्रेस से आए देवेंद्र बबली को टिकट दे दिया थी, जबकि निशान सिंह यहां से प्रबल दावेदार थे, पार्टी के इस फैसले के कारण निशान सिंह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाए थे, यह टीस उनके मन में लगातार बनी हुई थी।
5 विधायकों की नाराजगी पहले ही आ चुकी है सामने
नाराज चल रहे 5 विधायक भाजपा से गठबंधन टूटने के साथ ही जजपा में मनमुटाव बढ़ा । 10 में से 5 विधायक नाराज चल रहे हैं। इनमें पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली, ईश्वर सिंह, जोगीराम सिहाग, रामनिवास सुरजाखेड़ा और रामकुमार गौतम शामिल हैं। भाजपा सरकार में बदलाव के बाद जब विधानसभा में बहुमत साबित करने का वक्त आया तो जजपा ने व्हिप जारी कर विधायकों से सदन में वोटिंग में शामिल न होने को कहा था। इसके बावजूद पांचों विधायक सदन में पहुंचे थे, हालांकि कुछ देर सदन में रहने के बाद वह वापस चले गए थे।