बेलारुस से लापता करनाल का युवक: परिजनों ने जताई हत्या की आशंका, जांच में जुटी पुलिस
लाखों रुपए खर्च करके भेजा था जर्मनी
परिजन चिंतित हैं और युवक की सलामती की दुआ कर रहे हैं। परिजनों ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है. पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है। परिवार ने न्याय की मांग को लेकर एसपी करनाल से भी मुलाकात की है। युवक अश्विन की माता का कहना है कि निगदू का कोई एजेंट था। जिसके जरिए मैने अपने बेटे को डोंकी से लाखों रुपए खर्च करके बीते अक्टूबर माह में जर्मनी भेजा था। जिसके लिए मैंने साढ़े 7 लाख रुपए एजेंट को दिए थे और एक लाख रुपए मेरे बेटे से अपने खाते में डलवाए थे।
संदिग्ध वीडियो से हत्या की आशंका
एजेंट द्वारा अश्वनी को पहले मास्को भेज दिया गया था, लेकिन उसे डोंकर बेलारूस ले गए। अश्वनी के साथ करीब 12 लड़के विदेश गए थे, वे तो वापस लौट आए, लेकिन अश्वनी नहीं लौटा, बीते एक माह से मेरे बेटे के साथ मेरी कोई बातचीत नहीं हो रही। जो लड़के वापस आए है उन्होंने बताया है कि मेरा लड़का मर चुका है और एक वीडियो भी हमें मिली है, जो बेलारूस की है। जिसमें गन पाइंट पर अश्वनी को लिया हुआ है।
एजेंट बोला- यह तो डोंकर का काम है आगे ले जाना
पीड़ित मां संतोष ने बताया है कि उसने एजेंट से भी बात की है। लेकिन एजेंट कहता है हमारी जिम्मेदारी यहां से भेजने की होती है और आगे का काम डोंकरों द्वारा किया जाता है। पीड़ित मां ने बताया कि पूरी जिम्मेदारी एजेंट की ही बनती है। एजेंट की पत्नी और भाई पैसे लेने के लिए आते थे, तब उन्होंने कहा था किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
लेकिन जो लड़के वापस आए है उन्होंने भी यही बात कही है कि डोंकर उन्हें बेल्टों से मारता था, कई तरह की यातनाएं देता था, वे किसी तरह से निकल कर आए है। मैने एजेंट को भी बोला कि अगर ओर भी पैसे चाहिए तो मैं दे दूंगी लेकिन मेरा बेटा वापस ला दो। लेकिन एजेंट की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
DSP नायब सिंह ने बताया कि युवक अश्वनी का विदेश में लापता होने का मामला उनके संज्ञान में आया है। शिकायत के आधार पर आगामी जांच शुरू की जाएगी। पुलिस इस मामले में हर पहलू पर गहनता से जांच कर रही है।