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हिसार लोकसभा सीट: JJP का चुनावी प्लान, दांव पर लगी किसी की विरासत, किसी की सियासत !

 
Hisar loksabha seat
Hisar loksabha seat: हिसार लोकसभा सीट से साल 2014 में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सांसद रह चुके है। ऐसे में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने के बाद हिसार लोकसभा सीट पर जेजेपी की मजबूत दावेदारी बन रही है। हालांकि साल 2019 में वह इसी सीट पर बेहद ही कम अंतर से भाजपा के ही बृजेंद्र सिंह से चुनाव हार चुके हैं। इससे पहले 2014 में वह INLD से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इसके अलावा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली उचाना सीट से डिप्टी सीएम विधायक भी हैं।

सिरसा सीट पर भी जारी चर्चा

जजपा इस सीट पर मजबूत दावेदारी मानकर चल रही है। इस सीट से डिप्टी सीएम के अलावा उनके छोटे भाई दिग्विजय चौटाला के चुनाव लड़ने की संभावना भी है। जजपा को सिरसा देने के पीछे भाजपा ने अलग ही एक गेम प्लान बनाया है। इस गेम प्लान के जरिए भाजपा चौटाला परिवार के विरोध को बनाए रखना चाहती है। इसका मजबूत आधार इसलिए भी बन रहा है क्योंकि सिरसा में INLD का मजबूत आधार रहा है। जजपा के किसी भी प्रत्याशी के खड़े होने पर इनेलो प्रमुख ओपी चौटाला हर हाल में मजबूत उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारेंगे। वैसे भी अभय सिंह चौटाला और दुष्यंत चौटाला के आपसी खींचतान होती रहती है।Hisar loksabha seat

एक तीर से दो निशाने लगा सकती है बीजेपी

हाल ही में हुए बजट सत्र में भी चाचा-भतीजे के बीच जुबानी जंग हो चुकी है। ऐसे में भाजपा यदि जेजेपी को सिरसा सीट देकर अपनी राजनीतिक चाल में सफल होती है तो उसके कई निशाने एक साथ सधते नजर आ जाएंगे।

राजनाथ सिंह और अनुराग ठाकुर की लगाई गई जिम्मेदारी

हरियाणा भाजपा के अलावा प्रभारी व त्रिपुरा के पूर्व CM बिप्लब कुमार देब द्वारा दिए गए फीडबैक में कहा गया है कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन की जरूरत नहीं है। यह भी बताया गया है कि अभी तक संगठन और सरकार के द्वारा सभी 10 लोकसभा की तैयारियां की जा चुकी है। इसके बाद अब केंद्र की ओर से इस पूरे मसले को सुलझाने के लिए राजनाथ सिंह और अनुराग ठाकुर को जिम्मेदारी दी गई है।