हिसार लोकसभा चुनाव 2024, आमने-सामने होगा ‘चौटाला परिवार’, जानें सियासी परिवार की कहानी
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हिसार लोकसभा सीट से जेजेपी नेता नैना चौटाला लड़ सकती हैं चुनाव
जननायक जनता पार्टी (JJP) ने एक तरह से हिसार सीट पर नैना चौटाला को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है। अगर नैना चौटाला का नाम फाइनल हो जाता है तो फिर हिसार सीट पर चौटाला परिवार की दो पीढ़ियां, जिसमें चाचा ससुर रणजीत चौटाला के सामने परिवार की बहू नैना और सुनैना आमने-सामने ताल ठोकती नजर आएंगी।
परिवार की सियासी फूट
चौटाला परिवार में दोनों पीढ़ियों में फूट पड़ चुकी है। पहली बार उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल ने जब ओपी चौटाला को अपना उत्तराधिकारी चुना तो रणजीत चौटाला अपनी अलग राह चुनते हुए लोकदल से किनारा कर कांग्रेस में चले गए। उस समय रणजीत चौटाला को चौधरी देवीलाल का उत्तराधिकारी माना जा रहा था, लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उलट।
ओपी चौटाला और रणजीत चौटाला के बीच हमेशा मतभेद बने रहे। रणजीत चौटाला ने गृह जिले सिरसा की रानियां सीट को अपनी कर्मभूमि बनाया। जबकि ओपी चौटाला ने चौधरी देवीलाल की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए पूरे प्रदेश में अपनी पकड़ मजबूत की। हालांकि 2018 में ओपी चौटाला के परिवार में भी उत्तराधिकारी को लेकर फूट पड़ गई और INLD 2 फाड़ हो गई।
ओपी चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला ने नाराज होकर अपने दोनों बेटे दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला के साथ मिलकर जेजेपी बना ली। हालांकि ये पहला मौका है जब परिवार की 2 पीढ़ियां किसी चुनाव में आमने-सामने होंगी।
निर्दलीय विधायक बन खट्टर की पसंद बने चौटाला
रणजीत चौटाला ने 2 बार रानियां सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों बार हार गए। पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा से गहरी मित्रता के चलते उन्हें दोनों बार कांग्रेस की टिकट मिली। 2019 के चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पैरवी के बाद भी रणजीत चौटाला की टिकट कटी तो वे निर्दलीय मैदान में उतरे और रानियां से विधायक चुने गए। बहुमत से दूर रहने वाली भाजपा को रणजीत सिंह चौटाला ने समर्थन दिया।
वैसे तो हरियाणा में 7 और निर्दलीय विधायक जीते थे, लेकिन भाजपा को रणजीत चौटाला की अहमियत पता थी। इसी के चलते उनमें से सिर्फ रणजीत चौटाला को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। साढ़े 4 साल वे पूर्व सीएम मनोहर लाल की गुड बुक में रहे।
12 मार्च को मनोहर लाल के इस्तीफा देने के बाद कई निर्दलीय MLA की लॉटरी खुलने की चर्चा होने लगी, लेकिन इस बार भी रणजीत चौटाला सब पर हावी रहे और नायब सैनी की कैबिनेट में इकलौते ऐसे निर्दलीय विधायक रहे, जिन्हें मंत्री बनाया गया। इसके बाद ही चर्चा शुरू हो गई थी कि रणजीत चौटाला बीजेपी जॉइन कर हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं।