हिसार: रणजीत चौटाला की जनसभा में किसानों की नारेबाजी, आधे भाषण के बीच ही पड़ा लौटना


आधे भाषण के बीच ही पड़ा लौटना
हिसार में अग्रोहा खंड के गांव श्यामसुख में पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति से जुड़े किसानों ने नारेबाजी की। बड़ी मुश्किल से पुलिसकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को रोका। इसके बाद रणजीत चौटाला आधा अधूरा भाषण देकर गाड़ी में बैठकर काफिले के साथ यहां से लौट गए। इस बीच रणजीत चौटाला ने ये कह कर किसानों को शांत करने का प्रयास किया कि हमारी पार्टी को पूरा देश वोट दे रहा है, आपको ठीक न लगे तो वोट न दें। इसके बाद वे अपना भाषण पूरा किए बिना ही चले गए।
खालिस्तान प्रकरण का नाम आते ही भड़के किसान
गांव श्यामसुख किसानों ने रणजीत चौटाला से सवाल जवाब करते हुए पूछा कि किसानों को दिल्ली जाने से रोकना गलत था या सही था। उनसे कहा गया कि वे केवल हां या न में जवाब दे। इस पर रणजीत चौटाला ने खालिस्तान प्रकरण को किसानों के साथ जोड़ना चाहा, इस पर किसान बिफर गए और उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
किसानों के सवालों का जवाब नहीं दे पाए रणजीत चौटाला
इस दौरान किसानों ने रणजीत चौटाला से पूरे प्रदेश में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर सवाल पूछा तो इस पर भी रणजीत चौटाला गोलमोल जवाब दे गए। किसानों ने पूछा कि फसल बीमा को लेकर किसान धरने पर बैठे थे, जिन पर सरकार ने लाठीचार्ज किया। आज वे किसान के विकास की बात करने गांव में आए हैं। इस पर भी रणजीत चौटाला सही जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद किसानों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
ब्राह्मणों को लेकर भी विवादित बयान दे चुकें हैं रणजीत चौटाला
इससे पहले रणजीत चौटाला ब्राह्मणों को लेकर भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि सभी एक समान हैं लेकिन ब्राह्मणों ने ऐसा भेद किया कि दंगे-फसाद हो रहे हैं। उनके इस बयान पर ब्राह्मण सभा भड़क उठी। जिसके बाद पहले रणजीत चौटाला ने अपने शब्द वापस लेने की बात कही लेकिन ब्राह्मण सभा का गुस्सा शांत नहीं हुआ। इसके बाद चौटाला को ब्राह्मण संगठनों के पास आकर माफी मांगनी पड़ी