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Haryana News: हरियाणा में कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, इन सीटों पर हार संभव

 
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Haryana News: हरियाणा में लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के बाद अब कांग्रसे की इंटरनल रिपोर्ट में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार 4 सीटों पर पार्टी की जीत पक्की मानी जा रही है। वहीं 3 सीटों पर कड़ी टक्कर है। रिपोर्ट में सामने आया है कि कांग्रेस 2 सीटों पर हारने वाले ही।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां भाजपा, इंडी गठबंधन और INLD में त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा ने यहां से उद्योगपति नवीन जिंदल, AAP-कांग्रेस ने डॉ. सुशील गुप्ता और इनेलो ने अभय सिंह चौटाला को उम्मीदवार बनाया है।

हुड्‌डा भी ले चुके MLA से फीडबैक
हरियाणा कांग्रेस और दिल्ली में पार्टी के नेताओं के मंथन से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा भी पार्टी के विधायकों से सभी 10 लोकसभा सीटों का फीडबैक ले चुके हैं। हालांकि, पार्टी के 30 विधायकों ने गठबंधन सहित सभी 10 सीटों पर कड़ी टक्कर बताई है। विधायकों ने यह भी फीडबैक दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़े वोटिंग प्रतिशत से शहरों के मुकाबले कांग्रेस को बड़ी बढ़त मिली है।

इसे उन्होंने आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अच्छा संकेत बताया है। विधायकों से फीडबैक लेने के बाद पूर्व CM हुड्‌डा कह चुके हैं कि हरियाणा में गठबंधन सभी 10 सीटें जीत रहा है।


जीतने वाली 4 सीटों की इंटरनल रिपोर्ट में क्या है...

रोहतक : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को रोहतक से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा ने डॉ. अरविंद शर्मा को टिकट दिया। इस लोकसभा चुनाव में यहां 65.68 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के मुकाबले 4.83% कम है। कांग्रेस की रिपोर्ट में इस सीट को सबसे अच्छे अंक मिले हैं।

इसके अलावा रिपोर्ट में इस सीट पर जाटों और किसानों के विरोध का भाजपा को नुकसान होने की बात कही गई है। रोहतक से दीपेंद्र हुड्‌डा 3 बार सांसद रह चुके हैं। 2014 में मोदी लहर के बाद भी दीपेंद्र यहां से चुनाव जीत गए थे। इस बार अन्य सीटों की अपेक्षा कांग्रेस इस सीट को लेकर ज्यादा एक्टिव रही।


सिरसा : अन्य सीटों की तरह सिरसा सीट पर 2019 के मुकाबले 6.21% कम वोटिंग हुई। सिरसा में कांग्रेस ने कुमारी सैलजा को मैदान में उतारा है। कुमारी सैलजा यहां से पहले भी 2 बार सांसद रह चुकी हैं। इस सीट से उनके मजबूत होने की एक वजह यह बताई गई है कि उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह सिरसा में कांग्रेस के बड़े नेता थे।

कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में किसानों और जाटों ने एकजुट होकर पार्टी कैंडिडेट के पक्ष में वोटिंग करने की बात कही गई है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि भाजपा के उम्मीदवार अशोक तंवर का पार्टी बदलने को लेकर यहां के लोगों ने काफी विरोध किया। इसके अलावा किसानों का विरोध भी उन्हें झेलना पड़ा।


सोनीपत : यहां से कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दिया, जबकि भाजपा ने सीटिंग MP रमेश चंद्र कौशिक का टिकट काटकर विधायक मोहन लाल बड़ौली को उम्मीदवार बनाया। सतपाल ब्रह्मचारी सन्यासी हैं और हरिद्वार में उनके आश्रम हैं। मूलतः वह जींद के गांगोली गांव के रहने वाले हैं। इसका इन्हें चुनाव में फायदा मिला है।

इनके पक्ष में यह भी रहा कि जींद जिले से पहली बार किसी बड़े दल ने अपना उम्मीदवार चुना है। जींद की 3 विधानसभाओं से उन्हें अच्छी लीड मिली है। रिपोर्ट में इसका जिक्र है। यह सीट जाट बाहुल्य है और जाट पहले से ही भाजपा का विरोध कर रहे थे। इसके अलावा यहां भाजपा को भीतरघात का भी नुकसान उठाना पड़ेगा।


भिवानी-महेंद्रगढ़ : कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में इस सीट को विनिंग लिस्ट में रखा गया है। यहां से कांग्रेस ने विधायक राव दान सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जबकि, भाजपा ने यहां से सीटिंग सांसद धर्मबीर सिंह को टिकट दी है। 15 सालों में इस सीट पर सबसे कम मतदान हुआ है। कांग्रेस इसे पॉजिटिव लेकर चल रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस उम्मीदवार की विधानसभा में सबसे अधिक मतदान हुआ है। जबकि, नांगल चौधरी में सरकार में राज्य मंत्री डॉ.अभय सिंह भाजपा विधायक हैं। यहां सबसे कम वोटिंग हुई है।

इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से बढ़े वोटिंग प्रतिशत की रिपोर्ट कांग्रेस के पक्ष में बताई गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हार को देखते हुए भाजपा कैंडिडेट घर बैठ गए थे। उन्होंने अपने पास चुनाव के लिए पैसा न होने की बात चुनाव प्रबंधन समिति तक को बता दी थी।


इन 2 सीटों पर हार की रिपोर्ट...

करनाल : कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में करनाल को हार की लिस्ट में डाला गया है। इसकी वजह बताई गई है कि यहां से भाजपा ने सबसे मजबूत कैंडिडेट मनोहर लाल खट्‌टर को उम्मीदवार बनाया है। इनके मुकाबले कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा नया चेहरा थे।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यदि यहां से पार्टी किसी अन्य चेहरे को उम्मीदवार बनाती तो भाजपा से टक्कर की स्थिति बन सकती थी। यह भी बताया गया कि इस सीट पर भाजपा का जीत का मार्जिन 2 लाख से अधिक का होगा।

गुरुग्राम : भाजपा ने यहां से 5 बार सांसद रह चुके राव इंद्रजीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने यहां से फिल्म अभिनेता राज बब्बर को उम्मीदवार बनाया है। राव इंद्रजीत का केंद्र सरकार में मंत्री रहना उनके पक्ष में रहा। इसके अलावा वह लोगों के बीच काफी सक्रिय रहने वाले नेता हैं।

इनके मुकाबले राज बब्बर गुरुग्राम के लिए नया चेहरा रहे। पार्टी नेताओं का भी प्रचार के लिए साथ नहीं मिल पाया। इसके अलावा पार्टी के किसी भी बड़े नेता की उनके पक्ष में रैली नहीं हुई। इसका नुकसान पार्टी को हो रहा है। यही वजह है कि इस सीट को कांग्रेस ने हार की लिस्ट में डाला है।


अंबाला, हिसार और फरीदाबाद में कड़ी टक्कर
रिपोर्ट में 3 सीटों पर कड़ी टक्कर दिखाई गई है। इन सीटों में अंबाला, हिसार और फरीदाबाद को शामिल किया गया है। अंबाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राम रतन कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया भाजपा उम्मीदवार हैं। उन्हें वरुण मुलाना कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण भाजपा का ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध रहा।

वहीं, हिसार में कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी की रिपोर्ट अच्छी नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि INLD और JJP के इस सीट पर मजबूत आधार के कारण कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही पार्टी उम्मीदवार का चुनाव प्रचार काफी कमजोर रहा। फिर BJP से रणजीत चौटाला यहां से मैदान में हैं तो जेपी की राह मुश्किल हो चली है।

उधर, फरीदाबाद सीट की भी यही रिपोर्ट है। यहां से भाजपा ने मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस से महेंद्र प्रताप सिंह लड़ रहे हैं। भाजपा के मुकाबले यहां से पार्टी प्रत्याशी काफी कमजोर रहा। हालांकि, उनकी साफ छवि का फायदा चुनाव में मिलेगा।