हरियाणा सरकार के ‘पुलिस मेडल प्रस्ताव’ को झटका, किसानों से जुड़े मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मांगी सही जानकारी, जानिए पूरा मामला
Yuva Haryana : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार के किसानों को दिल्ली न जाने देने वाले पुलिस अफसरों को मेडल देने के प्रस्ताव पर सवाल उठाए है और हरियाणा सरकार को पत्र भेजकर सही जानकारी मांगी है।
एक दैनिक अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि हरियाणा पुलिस और केंद्रीय बलों के साथ हुए इस संयुक्त ऑपरेशन में केंद्रीय बलों का जिक्र क्यों नहीं किया गया ?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा गृह विभाग को दो अलग-अलग पत्र भेजे है। इन पत्रों में अंबाला के शंभू और जींद के खनौरी बैरियर पर अफसरों को वीरता पुरस्कार देने के प्रस्तावों पर सवाल पूछे है।
गृह मंत्रालय ने एक पत्र 13 फरवरी 2024 को अंबाला शंभू बैरियर पर हुई कार्रवाई के संबंध में आईजी सिबास कविराज, एसपी जश्नदीप रंधावा, डीएसपी नरेंद्र कुमार और डीएसपी राम कुमार को पुरस्कार देने के प्रस्ताव पर 15 जुलाई 2024 को लिखा और एतराज जताया।
मंत्रालय ने कहा कि एक ही कार्रवाई में दो या उससे अधिक अनुशंसाकताओं को शामिल करने का प्रस्ताव एक ही उद्धरण के साथ भेजा जाना चाहिए इसलिए आगे की कार्रवाई के लिए संयुक्त परफॉर्मे की जरूरत है।
इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय मंत्रालय ने कहा कि सभी अनुशंसाकताओं की फायरिंग डिटेल्स और आंदोलनकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों का निपटान व ताजा स्थिति की जानकारी भी नहीं दी गई है इसलिए हरियाणा सही और पूरी जानकारी जल्द मंत्रालय को दे।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि एक ही कार्रवाई के लिए दो या उससे अधिक अनुशंसाकताओं को शामिल करने का एक ही प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा।
साथ ही गृह मंत्रालय ने एक और पत्र के जरिए हरियाणा गृह विभाग से जींद एसपी सुमित कुमार, डीएसपी अमित भाटिया को वीरता पुरस्कार देने के प्रस्ताव के संबंध में भी सवाल पूछे है।
इस पत्र में भी गृह मंत्रालय ने संयुक्त ऑपरेशन, आंदोलनकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों का निपटान व ताजा स्थिति के बारे सही जानकारी तुरंत मांगी है।
आपको यह भी बता दें कि किसान यूनियनों ने फरवरी 2024 में एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली तक मार्च करने का फैसला किया था। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने उन्हें पंजाब से लगती शंभू और खनौरी सीमा पर रोक दिया था।