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हरियाणा कांग्रेस: अजय माकन Vs किरण चौधरी! चुकता हुआ पुराना हिसाबकटा श्रुति चौधरी का टिकट

 
अजय माकन Vs किरण चौधरी
Bhiwani: कांग्रेस ने श्रुति चौधरी को भिवानी महेंद्रगढ़ से टिकट नहीं दिया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के विश्वासपात्र और केंद्र में ताकतवर मंत्री रह चुके हरियाणा के पूर्व CM चौधरी बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी का टिकट कटने की मुख्य वजह उनकी मां और तोशाम से कांग्रेसी विधायक किरण चौधरी को ही बताया जा रहा है।

कांग्रेस हाईकमान के करीबी अजय माकन ने किरण चौधरी से जुड़ा जो फीडबैक पार्टी को दिया, उसने श्रुति चौधरी का टिकट कटवाने में सबसे अहम रोल निभाया। दरअसल वर्ष 2022 में हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के पास जीत के लिए जरूरी 30 विधायक होने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन निर्दलीय कैंडिडेट कार्तिकेय शर्मा के सामने एक वोट से हार गए। उस समय कांग्रेस के एक विधायक का वोट रद्द हो गया था।

पार्टी सूत्रों के अनुसार,अपनी हार के बाद माकन ने हाईकमान को रिपोर्ट सौंपी जिसमें किरण चौधरी को लेकर सवाल उठाए गए। तब कहा गया कि कांग्रेस के जिस विधायक का वोट रद्द हुआ, वह किरण चौधरी ही थीं। हालांकि किरण चौधरी खुद इस तरह के आरोपों को बेबुनियाद बताती रही हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार,अब लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों के वितरण के दौरान अजय माकन ने सीधे राहुल गांधी से अप्रोच किया जिसके बाद श्रुति को टिकट मिलने की सारी संभावनाएं खत्म हो गईं।

जून 2022 में हुए राज्यसभा चुनाव के लिए हरियाणा से निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा और कांग्रेस के अजय माकन आमने-सामने थे। अजय माकन एक वोट से चुनाव हार गए थे।

जून 2022 में हुए राज्यसभा चुनाव के लिए हरियाणा से निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा और कांग्रेस के अजय माकन आमने-सामने थे। अजय माकन एक वोट से चुनाव हार गए थे।

इसलिए हार गए थे माकन

11 जून 2022 को हरियाणा से राज्यसभा की 2 सीटों के लिए चुनाव में कुल तीन उम्मीदवार उतरे। इनमें भाजपा के कृष्णलाल पंवार, कांग्रेस के अजय माकन और बीजेपी-जेजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा शामिल रहे।

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के तत्कालीन विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी। इसके साथ ही कांग्रेस के एक और विधायक का वोट रद्द हो गया। नतीजा- अजय माकन को कार्तिकेय शर्मा के सामने एक वोट से हार का मुंह देखना पड़ा।

अपनी हार के बाद अजय माकन ने खुलासा किया था कि कांग्रेस के जिस विधायक का वोट रद्द हुआ, वह किरण चौधरी थीं। माकन के अनुसार, किरण चौधरी ने वोटिंग के दौरान पार्टी उम्मीदवार के तौर पर उनके नाम के सामने टिक लगा दिया जबकि राज्यसभा चुनाव में बैलेट पेपर पर किसी भी तरह का टिक लगाना अमान्य होता है। बैलेट पेपर पर कोई भी निशान मिलने की सूरत में वह वोट रद्द कर दिया जाता है।

अब किरण चौधरी के सामने कम विकल्प

श्रुति चौधरी को टिकट नहीं मिलने के बाद बंसीलाल परिवार हरियाणा की सियासत में 31 साल बाद लोकसभा चुनाव से आउट हो गया है। कांग्रेस ने श्रुति की जगह भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से महेंद्रगढ़ के कांग्रेसी विधायक राव दान सिंह को उम्मीदवार बनाया है।

हरियाणा में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के खिलाफ खुला मोर्चा खोलने वाले कांग्रेस पार्टी के तीन वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के (SRK) गुट में से लोकसभा टिकट वितरण के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान किरण चौधरी को ही उठाना पड़ा है।

रणदीप सुरजेवाला पहले ही राजस्थान से राज्यसभा सांसद बन चुके हैं वहीं सैलजा को अपनी मनपसंद सीट सिरसा से कांग्रेस टिकट मिल चुका है। वह उत्तराखंड की प्रदेश प्रभारी भी हैं। इन दोनों के मुकाबले किरण चौधरी एक तरह से अपनी तोशाम विधानसभा सीट तक सिमट कर रह गई है।

श्रुति चौधरी का टिकट काटकर कांग्रेस ने भी एक तरह से साफ कर दिया है कि पार्टी उनमें ज्यादा संभावनाएं नहीं देख रही। ऐसे में बंसीलाल परिवार की राजनीतिक विरासत को जिंदा रखने का सारा भार किरण चौधरी के कंधों पर आ चुका है।

किरण चौधरी के सामने अब अपनी बेटी श्रुति को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़वाने, भाजपा में शामिल होकर अपना भविष्य सुरक्षित रखने और कांग्रेस में ही चुपचाप बैठकर इंतजार करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा।

4 बार की विधायक, हुड्‌डा सरकार में दोनों बार मंत्री रहीं

किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के बेटे स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह की पत्नी हैं। सुरेंद्र सिंह हरियाणा में मंत्री रहे। खुद किरण चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के दोनों कार्यकाल में मंत्री रहीं।

किरण चौधरी वर्ष 2005 में अपने पति सुरेंद्र सिंह के निधन के बाद चुनावी राजनीति में उतरीं और लगातार 4 बार से भिवानी की तोशाम सीट से विधायक हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में श्रुति चौधरी को मिली हार के बाद किरण चौधरी और तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा में दूरियां बढ़ने लगी थीं।