हाई कोर्ट पहुंचा हरियाणा CM की नियुक्ति मामला, केंद्र सरकार और स्पीकर को देना होगा जवाब


विधानसभा के बाहर का व्यक्ति सीएम नहीं हो सकता
याचिका एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नायब सैनी की मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्ति नियमों के खिलाफ जाकर की गई है। याचिका में हर शरण वर्मा बनाम उत्तर प्रदेश व अन्य मामले का हवाला देते हुए कहा है कि राज्यपाल अनुच्छेद-164 के तहत राज्य की विधानसभा के बाहर के किसी व्यक्ति को मंत्री पद पर नियुक्त नहीं कर सकते हैं। सैनी अभी सांसद हैं और ऐसे में वह विधानसभा का हिस्सा नहीं हैं।
संवैधानिक नियमों की अवहेलना की गई
याचिका में यह भी कहा गया है कि हरियाणा की विधानसभा में 90 सीटें हैं। नायब सैनी को मुख्यमंत्री नियुक्त करने से यह संख्या बढ़कर 91 हो गई है। याचिका में कहा गया है कि सैनी की नियुक्ति संवैधानिक नियमों की अवहेलना कर की गई है। सैनी की नियुक्ति नहीं, बल्कि इंस्टॉलेशन की गई है। इससे खुलेआम संविधान का मजाक उड़ाया गया है। इससे पहले 2019 में याची ने हरियाणा में उपमुख्यमंत्री पद पर दुष्यंत चौटाला की नियुक्ति को भी चुनौती दी थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।
हरियाणा के 11 वीं मुख्यमंत्री बनें नायब सैनी
12 मार्च को नायब सैनी ने हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनके साथ कंवर पाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, रणजीत सिंह चौटाला, जयप्रकाश दलाल और डॉ. बनवारी लाल ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। ये पांचों खट्टर कैबिनेट में भी थे। शपथ के बाद नई सरकार ने 13 मार्च को फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा का सेशन बुलाया था। जिसमें सरकार ने विश्वास मत जीत लिया था। CM सैनी ने कहा कि हमारे पास 48 विधायकों का समर्थन है।