Yuva Haryana

 HSGMC के बैंक खातों पर सरकार ने लगाई रोक:  हाईकोर्ट के फैसले के बाद हुई कार्रवाई, जानें मामला

 
 HSGMC

Hsgmc: हरियाणा सरकार की ओर से एचएसजीएमसी के सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक खातों को ऑपरेट करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। एसीएस हरियाणा की ओर से जारी लेटर में अधीक्षक, गुरुद्वारा चुनाव द्वारा बैंकों के जोनल प्रबंधकों को इस बाबत स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। लेटर में कहा गया है कि बैंक की सभी शाखाओं से एचएसजीएमसी के सभी बैंक खातों से वित्तीय लेनदेन नहीं किया जाए।

 HSGMC

हाई कोर्ट ने कार्यवाही पर लगाई थी रोक

यह तब फैसला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के तहत लिया गया है। हाईकोर्ट ने 28 मार्च की कार्यवाही पर रोक लगा दी है, जिसमें वर्तमान कार्यकारी समिति ने पुरानी कार्यकारी समिति को गिरा दिया था।

28 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

सूत्रों का कहना है कि सरकार ने मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के बाद भी वर्तमान कार्यकारिणी समिति द्वारा बैंक खातों से गबन की आशंका को कारण बताया है। वहीं इससे पहले सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य के रूप में विजेता सिंह को हटाने की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 28 अगस्त तय करने से पहले हरियाणा राज्य और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस भी जारी किया है।

28 मार्च की कार्यवाही पर लगी है रोक

हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता को हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य के पद से हटाने के संबंध में 28 मार्च की कार्यवाही सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित रहेगी। यह निर्देश विजेता सिंह की याचिका के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने 2024-25 के बजट सत्र के लिए 28 मार्च को बुलाई गई बैठक के दौरान अपने निष्कासन को चुनौती दी थी।

याचिका में ये दी गई है दलील

हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि प्रतिवादी-राज्य ने अभी तक सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग को अधिसूचित नहीं किया है, जैसा कि अधिनियम के प्रावधानों के तहत आवश्यक है। याचिका का जवाब देते हुए, हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक सैनी ने राज्य की ओर से नोटिस स्वीकार कर लिया और निर्देशों को पूरा करने और यदि आवश्यक हो तो प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए समय का अनुरोध किया। विचार करने पर, अदालत ने निर्देश जारी करने से पहले मामले को स्थगित कर दिया।