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हरियाणा में बुजुर्गों की हुई मौज, अब घर बैठे डाल सकेंगे वोट, ये रहेगी प्रक्रिया

 
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हरियाणा के ढाई लाख से अधिक बुजुर्ग अगर चाहेंगे तो वे घर बैठे ही लोकसभा चुनावों के लिए मतदान कर सकेंगे। यह सुविधा करीब डेढ़ लाख दिव्यांग मतदाताओं के लिए भी होगी। 

मतदाता अगर पोलिंग स्टेशन पर आकर ही मतदान करना चाहेंगे तो उन्हें घर से लाने और वापस छोड़ने का प्रबंध स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जाएगा। इस काम में समाजसेवियों के अलावा एनसीसी एनएसएस कैडेट्स की मदद भी ली जाएगी।

भारत के चुनाव आयोग ने सीनियर सिटीजन के लिए इस बार विशेष प्रबंध किए हैं। 85 वर्ष से अधिक बुजुर्गों को घर पर ही बैलेट पेपर के जरिये मतदान की सुविधा दी है। हालांकि हरियाणा में कम ही ऐसे बुजुर्ग हैं, जो घर से मतदान करते हैं। 

आमतौर पर राज्य के बुजुर्गों में मतदान को लेकर चाव रहता है। ऐसे में वे पोलिंग स्टेशन पर जाना ही पसंद करते हैं। इसी को ध्यान में रखकर ऐसे बुजुर्गों की मदद के लिए वाॅलिएंटर की ड्यूटी लगाई जाएगी।

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने सोमवार को चंडीगढ़ में चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक की। बैठक में पब्लिक रिलेशन, स्कूल शिक्षा, हायर एजुकेशन, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, रेडक्रास व पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। 

वहीं 1 लाख 48 हजार से अधिक दिव्यांग वोटर हैं। आयोग ने तय किया है कि 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग मतदाताओं को ही घर से मतदान करने की सुविधा है। 

बैलेट पेपर से वोट नहीं डालने वाले दिव्यांगजनों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने का प्रबंध प्रशासन द्वारा किया जाएगा। ऐसे मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर रेम्प भी बनाए जाएंगे। वहीं सभी मतदान केंद्रों पर कम से कम एक व्हील चेयर का प्रबंध किया जाएगा।

अग्रवाल ने कहा कि आयोग का उद्देश्य है कि देश का हर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करे और पांच साल में आने वाले चुनावों में अवश्य भागीदार बने।

इस अवसर पर सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण की महानिदेशक आशिमा बराड़, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक मंदीप सिंह बराड़, श्रम आयुक्त मनीराम शर्मा अलावा अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

दिव्यांगों के लिए सुविधा
अग्रवाल ने बैठक में अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों व दिव्यांग मतदाताओं की पहुंच सुगम एवं सुनिश्चित करने के लिए रेम्प, व्हील चेयर, लाने व ले जाने की व्यवस्था, मेडिकल किट आदि का प्रबंध करने को कहा।

एनएसएस स्वयंसेवकों की ली जाएगी मदद
बैठक में ही तय हुआ कि इसके लिए एनसीसी एवं एनएसएस के स्वयंसेवकों की मदद ली जाएगी। आयोग ने दिव्यांग मतदाताओं के लिए चुनावों से संबंधित जानकारी के लिए सक्षम एप भी बनाया है। 

अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा विभाग की चुनावों में अहम भूमिका रहती है, कि अधिकांश पोलिंग स्टेशन स्कूलों में ही बनाए जाते हैं। अध्यापक बच्चों को चुनाव प्रक्रिया से संबंधित जानकारी दें और उन्हें अपने अभिभावकों के साथ-साथ अन्य लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने को कहें। मतदान के दिन जब उनके अभिभावक वोट डालने आते हैं तो वे भी साथ आएं और सेल्फी लेकर अपलोड करें।