Yuva Haryana

करनाल में खुदाई के दौरान सालवन गांव में कुषाण कालीन समय की दीवार मिली,2200 साल पुरानी होने का दावा 

 
Yuva haryana : करनाल के सालवन गांव में महाभारत कालीन तीर्थ दशाश्वमेध पर जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। इस दौरान खोदाई के दौरान प्राचीन ईंटों की दीवार मिली है। विशेषज्ञों का दावा है कि यह कुषाण कालीन दीवार है, जो कि करीब 2200 साल पुरानी हो सकती है।
दीवार और ईंटों का विवरण
दीवार 1.1 फुट लंबी, 20 इंच चौड़ी और 2.5 इंच ऊंची है।
 यहां मिली एक ईंट की लंबाई करीब एक फुट और वजन करीब छह किलोग्राम तक है।
 ईंटें अच्छी हालत में हैं।
दीवार के अतिरिक्त कुछ लाल रंग के मृदभांड भी दिखाई पड़े।
विशेषज्ञों का मत:
पुरातत्वविद डॉ. विनय कुमार और सालवन गांव निवासी एवं हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पीएचडी शोधार्थी प्रवीण कुमार का कहना है कि जिस आकार की को ये ईंट हैं, ठीक उसी तरह की ईंटों का उपयोग करीब 2200 साल पहले होता था।
 उनका कहना है कि तीर्थ पर कुछ समय पहले जोहड़ की खोदाई के दौरान भी बड़ी-बड़ी ईंटें मिली थी, जो कुषाण कालीन थीं।
 प्रवीण कुमार का कहना है कि यदि ज्यादा खोदाई हो तो यहां मंदिर या कोई अन्य ऐतिहासिक इमारत होने के साक्ष्य भी मिल सकते हैं।
* यह दीवार सालवन गांव के महाभारत कालीन तीर्थ दशाश्वमेध के ऐतिहासिक महत्व को पुष्ट करती है।
* यह दीवार कुषाण कालीन वास्तुकला और निर्माण तकनीकों के बारे में जानकारी दे सकती है।
* इस दीवार की खोज से करनाल के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है।
आगे की योजना:
 पुरातत्व विभाग इस दीवार और आसपास के क्षेत्र का विस्तृत उत्खनन करने की योजना बना रहा है।
* इस उत्खनन से सालवन गांव और उसके आसपास के क्षेत्र के इतिहास के बारे में और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है।