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हरियाणा लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड स्टार संजय दत्त की एंट्री: करनाल से लड़ सकते हैं चुनाव

 
sanjay dut

Sanjay dut:अभी तक बीजेपी से रणदीप हुड्डा की चुनाव में एंट्री की चर्चाओं के बीच कांग्रेस से भी एक नए सेलिब्रिटी के चुनाव लड़ने की चर्चाएं है। कहा जा रहा है कि करनाल लोकसभा सीट पर पूर्व CM मनोहर लाल खट्‌टर के खिलाफ कांग्रेस सेलिब्रिटी कार्ड खेलने की तैयारी में है। यहां से बॉलीवुड स्टार संजय दत्त लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस हाईकमान ने संजय दत्त का नाम पैनल में शामिल किया है।

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संजय दत्त की है राजनीतिक कांग्रेस पृष्ठभूमि

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की मीटिंग में सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे तथा केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में करनाल सीट पर संजय दत्त के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं से चर्चा के बाद ही हो सकेगा। संजय दत्त के पिता सुनील दत्त पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री थे,जबकि बहन प्रिया दत्त सांसद रह चुकी हैं।

करनाल सीट पर दमदार उम्मीदवार की जरुरत

कांग्रेस के पैनल में करनाल से पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य शर्मा, पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर के नाम बताए जाते हैं, जिन पर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अभी सहमत नहीं है।

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की नजर में करनाल लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल बेहद मजबूत स्थिति में हैं। ऐसे में उनके सामने नामचीन उम्मीदवार उतारने पर विचार किया जा सकता है।

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हरियाणा के कई जिलों से परिचित संजय दत्त

कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले के पक्ष में हरियाणा पार्टी के कुछ बड़े नेता भी पक्ष में हैं। वह भी सुनील दत्त के बेटे संजय दत्त को करनाल सीट से प्रत्याशी बनाने के पक्ष में हैं। संजय दत्त हरियाणा के कई जिलों से अच्छी तरह परिचित हैं।

ब्राह्मण हैं संजय दत्त

सुनील दत्त का जन्म झेलम वेस्ट पंजाब (पाकिस्तान) में 1929 में हुआ था और बंटवारे के बाद उनका परिवार यमुनानगर के मंडौली गांव में आकर बस गया था। वह ब्राह्मण हैं और उनकी माता नरगिस मुस्लिम थी। बाद में उन्होंने हिंदू धर्म को अपना लिया था।

नरगिस की मजार यमुनानगर के मंडौली गांव में बनी हुई है, जहां संजय दत्त और उनकी बहन प्रिया दत्त का परिवार समय-समय पर आता रहता है। उनके चाचा का परिवार आज भी यमुनानगर के गांव मंडौली में रहता है, जो कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की सीमा से सटा है।