आयुष्मान योजना होगी ठप्प, गरीबों को नहीं मिलेगा मुफ्त इलाज
डॉक्टर्स ने बताया कि करनाल जिले के प्राइवेट अस्पताल अब तक सैकड़ों मरीजों का इलाज आयुष्मान योजना के तहत कर चुके है जिसका बिल लगभग 18 करोड़ रुपए बनता है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक इसका भुगतान नहीं किया गया। वहीं योजना के लिए सरकारी पोर्टल में भी बदलाव कर दिया है। जिसको लेकर डॉक्टर्स की टीमअपनी मांगों को लेकर डीसी उत्तम सिंह से मिलने पहुंची और ज्ञापन दिया। \
वहीं अब रोहतक में भी इसका विरोध होना शुरु हो गया है. रोहतक में सोमवार शाम को आईएमए पदाधिकारियों और सदस्यों ने इलाज नहीं करने के निर्णय पर सहमति जताते हुए प्रदेश कार्यकारिणी के साथ जाने का फैसला लिया है।
यह हैं आईएमए की मुख्य मांगें
प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की आयुष्मान भारत योजना 2018 से अब तक रेट में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
चिरायु कार्ड व अन्य आयुष्मान कार्ड उच्च आय वर्ग के लिए जारी करे गए मगर, पैकेज में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।
वर्तमान परिस्थितियों में आयुष्मान कार्ड के तहत गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक तरीके से इलाज संभव नहीं रहा है।
कर्मचारियों के इलाज की पात्रता के लिए अस्पतालों पर थोपी गई आयुष्मान भारत की अनिवार्यता समाप्त नहीं की गई।
भुगतान में कटौती के समाधान के लिए कोई फोन नंबर नहीं हैं।
हर दो दिन बाद इलाज बढ़ाने के लिए रिक्वेस्ट डालनी पड़ती हैं। इस व्यवथा को पांच दिन किया जाना चाहिए।
पैकेज के प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) 2.2 रेट लागू नहीं हुए।