Yuva Haryana

केंद्रीय Budget में हरियाणा की अनदेखी का आरोप, "सरकार बचाने की मैनेजमेंट वाले इस बजट में आम लोगों के लिए कुछ नहीं" 

 
DUSHYANT CHOUTALA
Yuva Haryana : हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को आम आदमी के हित का बजट ना बताकर इसे  केंद्र की सरकार को बचाने की मैनेजमेंट वाला बजट बताया है। 

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में केवल आंध्रप्रदेश और बिहार पर फोकस किया है और हरियाणा प्रदेश को पूरी तरह से नजरअंदाज़ किया गया है। उन्होंने कहा कि यह अब तक का सबसे खराब बजट है। 

पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि देश की एनडीए सरकार ने न केवल राज्यों के साथ भेदभाव किया बल्कि इस बजट से गरीब, किसान, कमेरे, युवा सहित हर वर्ग को निराशा किया है। 

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 10 साल से केंद्र सरकार चला रही बीजेपी ने युवाओं को पक्की नौकरी देने का बजट में कोई जिक्र नहीं किया है, केवल युवाओं को लोन का भरोसा देकर गुमराह किया गया है। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने ना तो युवाओं की उच्च शिक्षा के लिए बजट में कोई खास ध्यान दिया और ना ही ग्रामीण स्तर पर शिक्षा व्यवस्था सुधारने की दिशा में डिजिटल लाइब्रेरी आदि के लिए बजट का प्रावधान किया।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले पांच सालों से मोदी सरकार लगातार कृषि बजट को कम करती ही जा रही है जो कि आज वर्ष 2019 के मुकाबले आधा नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि 2019 में कृषि के लिए कुल बजट में से 5.44 प्रतिशत का प्रावधान था, जिसे इस बार घटाकर तीन प्रतिशत के करीब कर दिया है। 

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि कृषि बजट कम होने के कारण सरकार भविष्य में किसानों के लिए कोई बड़ी योजना लागू नहीं कर पाएगी, ऐसे में किसानों की आय दोगुनी कैसी होगी ? दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट सरकार द्वारा बढ़ाई नहीं गई है, जिसे किसानों के हित में तीन लाख से बढ़ाकर 10 लाख करना चाहिए था।

पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इनकम टैक्स में कोई विशेष छूट न देकर केंद्र सरकार ने कर्मचारियों, मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि बजट में केवल जुमलों की परछाई है क्योंकि जनता महंगाई से त्रस्त है और सरकार जुमलों से महंगाई के असली आंकड़े छिपाने में जुटी हुई है।

पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि विदेशों में भारत के उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में एमएसएमई को सुरक्षित बाजार की गारंटी देने के लिए सरकार ने बजट में कोई कदम नहीं उठाया है, जो कि छोटे उद्यमियों के लिए झटका है। 

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा खेल मंत्रालय के बजट में मामूली बढ़ोतरी करना खेलों को बढ़ावा देने के लिए नाकाफी है।