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 बंद हो सकता है Whatsapp! जानें आपकी पर्सनल जानकरी के लिए कितना गंभीर Whatsapp?   

 
Whatsapp: वॉट्सऐप आज के दौर में हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। सुबह उठते और रात को सोते समय वॉट्सऐप चेक करना ज्यादा से ज्यादा लोगों की आदत बन चुकी है। लेकिन हो सकता है कि वॉट्सऐप अब भारत में सर्विस देना बंद दें।

वॉट्सऐप ने भारत छोड़ने की चेतावनी दी

कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे मैसेजेस एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया गया, तो वह भारत से चला जाएगा। मेटा के दो बड़े प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप और फेसबुक ने नए संशोधित IT नियमों के खिलाफ दिल्ली HC में याचिका दायर की थी। कंपनी ने कोर्ट में कहा कि नए नियमों से यूजर की प्राइवेसी खतरे में आ सकती है। मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच कर रही है। वॉट्सऐप की ओर से एडवोकेट तेजस करिया दलील रख रहे थे।

कोर्ट में वॉट्सऐप के वकील की 3 बड़ी बातें

IT नियम 2021 एन्क्रिप्शन के साथ यूजर्स की गोपनीयता को कमजोर करता है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है। दुनिया में कहीं और ऐसा कोई नियम नहीं है, ब्राजील में भी नहीं। यह नियम उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता के खिलाफ है और नियम बिना किसी परामर्श के पेश किया गया था। हमें एक पूरी श्रृंखला रखनी होगी और हमें नहीं पता कि किन मैसेज को सरकार मांग सकती है। इसका मतलब है कि करोड़ों मैसेज वर्षों तक स्टोर करना होगा।

क्या है एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन?

एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन एक कम्युनिकेशन सिस्टम है, जिसमें मैसेज भेजने वाले और मैसेज रिसीव करने वाले के अलावा कोई अन्य शामिल नहीं होता है। यहां तक कि कंपनी भी एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन में यूजर्स के मैसेज नहीं देख सकती है। यह वॉट्सऐप की प्राइवेसी सेटिंग्स में एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन की जानकारी है। इसमें बताया गया है कि वॉट्सऐप और थर्ड-पार्टी ऐप आपका मैसेज ना पढ़ सकते हैं ना सुन सकते हैं। यह वॉट्सऐप की प्राइवेसी सेटिंग्स में एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन की जानकारी है। इसमें बताया गया है कि वॉट्सऐप और थर्ड-पार्टी ऐप आपका मैसेज ना पढ़ सकते हैं ना सुन सकते हैं।

नए नियमों में मैसेज का प्राइमरी सोर्स बताना होगा

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने 2021 के इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) के नए संशोधित नियमों को चुनौती दी है। इन नियमों के तहत वॉट्सऐप को चैट का पता लगाने के साथ-साथ यह भी पता करना होगा कि मैसेज पहली बार कहां से किसके पास भेजा गया।

सरकार बोली- कंपनी नहीं करती गोपनीयता की रक्षा

इससे पहले, केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि वॉट्सऐप और फेसबुक बिजनेस या कॉमर्शियल पर्पस के लिए यूजर्स की जानकारी को मोनेटाइज करते हैं। इसलिए, कानूनी तौर पर कंपनी यह दावा नहीं कर सकती है कि वह गोपनीयता की रक्षा करती है।

मामले में सरकार ने 3 बड़ी बातें कही

सरकार ने कहा कि वॉट्सऐप ने पहले ही भारत में यूजर्स को किसी भी विवाद समाधान का अधिकार देश के अंदर नहीं देती है, यह उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। अगर IT नियम 2021 लागू नहीं किया गया, तो एजेंसियों को फर्जी मैसेज के सोर्स का पता लगाने में दिक्कत होगी। ऐसे मैसेज अन्य प्लेटफॉर्म्स में फैल हो जाएंगे, जिससे समाज में शांति-सद्भाव बिगड़ सकता है।

इंटरनेट खुला होना चाहिए, सेफ और ट्रस्टेड होना चाहिए और प्लेटफॉर्म यूजर्स के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। किसी को भी भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीनने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

वॉट्सऐप ने कहा- बीच का रास्ता निकालने के लिए सरकार से बात कर रहे

इस पूरे मामले पर वॉट्सऐप ने कहा, 'हम अपने यूजर्स की गोपनीयता का उल्लंघन करने वाले नियमों का विरोध करने के लिए दुनियाभर के एक्सपर्ट के साथ चर्चा कर रहे हैं। इस बीच हम भारत के साथ भी बीच का रास्ता निकालने के लिए बात कर रहे हैं।