दो असफल मीटिंग, क्यों नहीं बनी बात ? क्यों दिल्ली कूच पर अड़े किसान ? जानें सरकार की चुप्पी और किसानों की आक्रामकता की कहानी
Farmer protest: केंद्र के मीटिंग के लिए राजी होने और 2 बार वार्ता के बाद भी आखिर ऐसा क्या हुआ कि किसानों को दिल्ली कूच करना पड़ा। इसकी असली वजह चंडीगढ़ की मीटिंग में ही छिपी हुई है। जिसके बारे में किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के कोऑर्डिनेटर सरवण सिंह पंधेर ने खुलकर बताया।
दो बार हुआ सरकार से वार्ता
पंजाब के किसानों का दिल्ली कूच रोकने के लिए केंद्रीय मंत्रियों ने चंडीगढ़ में 2 बार मीटिंग की। पहली 8 और दूसरी 12 फरवरी को। किसान नेता भी मीटिंग में गए। केंद्र से 3 मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल हुए। केंद्र ने कल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी कहा कि केंद्र किसानों से बातचीत को राजी है।
सिर्फ फॉर्मेलिटी करने आए थे मंत्री
पंधेर ने कहा- MSP पर कमेटी का पुराना राग अलापा गया। बिजली एक्ट और लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री खामोश रहे। असल में इन मंत्रियों के पास कोई फैसला लेने की शक्तियां ही नहीं थी। वे तो सिर्फ फॉर्मेलिटी करने आए थे।
जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा
सरवण सिंह पंधेर ने बताया- MSP गारंटी कानून, C2+50%, स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करना, ये उनकी सबसे अहम मांगें रही हैं। जिससे छोटे किसान भी खुशहाल जीवन जी सकते हैं। जब इन मुद्दों पर उनसे (केंद्रीय मंत्रियों) बात हुई तो उन्होंने कहा- कमेटी बना लेंगे। जिस पर किसानों ने कहा कि 2 साल पहले से मानी जा चुकी मांगों पर आज तक कमेटी बन ही नहीं पाई।
किसान नेताओं ने कहा- कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) में हर 6 महीने चर्चा करने के बाद MSP अनाउंस की जाती है। 23 फसलों की MSP घोषित करते हैं। उस पर खरीद का गारंटी का कानून बना दीजिए। यह सुनकर केंद्रीय मंत्रियों ने बात नहीं की। कर्ज के ऊपर बात शुरू हुई। केंद्रीय मंत्री कहते हैं कमेटी डिसाइड करेगी, वह बैंकों का कर्जा है। किसान नेताओं ने कहा- कमेटी क्या डिसाइड करेगी। बैंकों को कहें, 10 दिन में सारा डेटा बाहर आ जाता है।
किसान नेताओं ने सवाल किया कि आप कहते हैं कि देश में कानून है, कानून व्यवस्था रहेगी। किसानों के केस माफी को लेकर पूछा गया। केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि कुछ केस गंभीर अपराध में आते हैं। किसान नेताओं ने कहा कि लखीमपुर खीरी हीनियस क्राइम नहीं था। केंद्रीय मंत्रियों ने कहा- गंभीर अपराध है। किसानों ने मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि उस पर इस मामले में 120बी का पर्चा है। वह आपके मंत्रिमंडल में बैठा हुआ है। उसे मंत्रिमंडल से निकालिए। इस पर केंद्रीय मंत्रियों ने कोई जवाब नहीं दिया।
जानें MSP पर क्या था C2+50% फॉर्मूला
पंधेर ने कहा कि स्वामीनाथन रिपोर्ट ने अपनी सिफारिश में किसानों की आय बढ़ाने का फॉर्मूला दिया था। जिसमें उनकी फसल लागत का 50 फीसदी ज्यादा देने की सिफारिश की गई, जिसे C2+50% फॉर्मूला कहा जाता है। दो महीने पहले ही स्वामीनाथन इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन उनका फॉर्मूला आज भी किसानों की मांग का अहम हिस्सा है। आंदोलनकारी किसान इसी फॉर्मूले के आधार पर MSP गारंटी कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं।
स्वामीनाथन रिपोर्ट में फॉर्मूले की कैलकुलेशन के लिए फसल लागत को 3 हिस्सों यानी A2, A2+FL और C2 में बांटा गया। A2 लागत में फसल की पैदावार करने में सभी खर्चों को शामिल किया गया। इसमें खाद, बीज, पानी, रसायन से लेकर मजदूरी, पानी लगाने में खर्च, कटाई आदि सभी लागत को जोड़ा गया।
A2+FL कैटेगरी में फसल में किसान के परिवार की लगी मेहनत का अनुमान लगा जोड़ा गया। C2 में नकदी और गैर नकदी लागत के अलावा और जमीन का लीज रेंट और उससे जुड़ी चीजों पर लगने वाले ब्याज को भी शामिल किया गया। स्वामीनाथन आयोग ने C2 लागत के साथ उसका 50 फीसदी खर्च जोड़कर MSP देने की सिफारिश की थी।
डॉ. मनमोहन सिंह के समय बना था आयोग
पंधेर ने कहा नवंबर 2004 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। किसानों की समस्याओं को जानने के लिए कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में आयोग बनाया गया था। दिसंबर 2004 से अक्टूबर 2006 तक इस कमेटी ने सरकार को 6 रिपोर्ट सौंपी। जिनमें सिफारिशें भी की गई। इसी में MSP का फॉर्मूला सामने आया था। किसानों के दिल्ली कूच का दूसरा दिन:शंभू बॉर्डर के पास सो रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे
पंजाब के किसानों का दिल्ली कूच का आज (बुधवार) दूसरा दिन है। किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर से हरियाणा में घुसने की कोशिश करेंगे। किसान मजदूर मोर्चा के कोऑर्डिनेटर सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि हर हाल में दिल्ली तक जाएंगे।
वहीं, हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट बैन बढ़ाकर 15 फरवरी रात 12 बजे तक कर दिया गया है। यह पाबंदी अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा में लागू रहेगी