{"vars":{"id": "108013:4658"}}

कहीं आप भी न हो जाएं हीट स्ट्रोक का शिकार: केंद्रीय मंत्री की बिगड़ चुकी है हालत, रखें ख्याल

 
Health: कुछ दिनों पहले चुनावी सभा को संबोधित करते समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की हालत बिगड़ गई। सुरक्षाकर्मी ने उन्हें संभाला और तुरंत अस्पताल ले जाया गया। कुछ देर बाद वह स्वस्थ होकर लौट आए और अपनी स्पीच भी पूरी की।

जानलेवा हो सकती है छोटी सी लापरवाही

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर बताया कि अब वह स्वस्थ हैं। ज्यादा गर्मी की वजह से उन्हें यह समस्या हुई थी। उनका ब्लड शुगर लेवल अचानक बहुत लो हो गया था। नितिन गडकरी को टाइप-2 डायबिटीज है। इसके अलावा वह बेरिआट्रिक सर्जरी भी करवा चुके हैं। दिल्ली के सीनियर फिजिशियन डॉ. बॉबी दीवान कहते हैं कि गर्मी में एकदम स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार पड़ सकता है, जबकि डायबिटीज और हाइपरटेंशन के पेशेंट्स को स्वस्थ लोगों की अपेक्षा ज्यादा निगरानी और केयर की जरूरत होती है। थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।

क्या दवाओं की डोज बदलना भी जरूरी है?

देश के ज्यादातर हिस्से इस वक्त गर्मी और हीट वेव की चपेट में हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक 7 राज्यों में तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर में भी बढ़ती गर्मी के बीच अलर्ट जारी किया गया है। ऐसी कंडीशन में हेल्थ एक्सपर्ट ज्यादा-से-ज्यादा लिक्विड इनटेक रखने और बिना जरूरत घर से बाहर न निकलने की सलाह देते हैं। दो से अधिक ऐसे लक्षण दिखें तो व्यक्ति को ठंडी जगह पर लिटा देना चाहिए। तौलिये को ठंडे पानी में भिगोकर शरीर पोंछ सकते हैं। हेल्थ कंडीशंस बिगड़ती दिखें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

गर्मियों में है डिहाइड्रेशन का खतरा

गर्मियों में डिहाइड्रेशन का सबसे अधिक खतरा होता है। इससे कई तरह की मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। आइए ग्राफिक में देखते हैं।

डायबिटिक लोगों को होती है ज्यादा परेशानी

डॉ. बॉबी दीवान कहते हैं कि अगर किसी को बीपी या डायबिटीज की समस्या है तो उसे दूसरों की अपेक्षा ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होती है क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही उन्हें मुश्किल में डाल सकती है। हेल्थ जर्नल साइंस डायरेक्ट में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक डायबिटिक लोगों को गर्मियों में ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है और उन्हें डिहाइड्रेशन का भी ज्यादा खतरा रहता है।

डायबिटीज है तो हो सकती हैं ये समस्याएं

डॉ. बॉबी दीवान ने बताया कि गर्मी में डिहाइड्रेशन होने से ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है। इससे बार-बार पेशाब जाना पड़ सकता है, जिसका अर्थ है कि बॉडी और ज्यादा डिहाइड्रेटेड हो सकती है। डायबिटिक लोगों की ब्लड वेसल्स काफी कमजोर हो जाती हैं। इनसे पसीने की ग्रंथियां भी जुड़ी होती हैं, जो आपके शरीर के थर्मोडायनेमिक्स को सही बनाए रखती हैं। इसलिए डायबिटिक लोगों का थर्मोडायनेमिक्स बिगड़ सकता है। हाई टेंपरेचर में शरीर में इंसुलिन के काम करने का तरीका बदल जाता है। कई बार यह अचानक से बढ़ या घट सकता है, जिसका असर ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है। इसलिए गर्मी के मौसम में किसी डॉक्टर की सलाह लेकर संतुलित दिनचर्या अपनानी चाहिए, ताकि किसी तरह की कोई परेशानी न हो। अपना शुगर लेवल भी नियमित रूप से चेक करना चाहिए।

बीपी पेशेंट्स को हो सकती हैं ये समस्याएं

डिहाइड्रेशन: गर्मी में अधिक पसीना आने से डिहाइड्रेशन हो सकता है। डिहाइड्रेशन से ब्लड गाढ़ा हो जाता है तो हार्ट को पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और हार्ट स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ सकती है।

वासोडिलेशन: हमारी ब्लड वेसल्स गर्मी में आमतौर पर थोड़ी चौड़ी हो जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। हालांकि ऐसी स्थिति बहुत कम बनती है।

दवा की एफिशिएंसी: गर्मी में ब्लड प्रेशर की कई दवाओं की एफिशिएंसी कम हो जाती है। इसलिए डॉक्टर से मिलकर अपनी दवाओं के डोज में जरूरी बदलाव करवा लेने चाहिए।

गर्मी में कैसे रखें ख्याल?

गर्मियों में हर किसी को स्वास्थ्य का अतिरिक्त ख्याल रखने की जरूरत होती है। लापरवाही करने पर डिहाइड्रेशन होने से गंभीर हेल्थ कंडीशंस पैदा हो सकती हैं। डॉ. बॉबी दीवान ने इससे बचने के कुछ टिप्स बताए।

हीट स्ट्रोक से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां:

दोपहर के समय या तेज धूप में बाहर जाने से बचें। धूप में निकलें तो चश्मा, कैप, जूते पहनकर ही निकलें। ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं। एनर्जी के लिए लिक्विड इनटेक ही बेहतर हैं। हल्के रंग के हवादार और कॉटन के कपड़े पहनें। ट्रैवलिंग या वर्क आउट के लिए जाएं तो अपने साथ पानी लेकर जाएं। चाय या कॉफी जैसे ड्रिंक्स पीने से बचें, ये बॉडी को डिहाइड्रेट कर सकते हैं। गर्मियों में मेटाबॉलिज्म स्लो होता है। इसलिए हाई प्रोटीन भोजन से बचना चाहिए। गर्मियों में खाना जल्दी खराब होता है। इसलिए बासी खाना न खाएं। यह डायरिया का कारण बन सकता है।