{"vars":{"id": "108013:4658"}}

अकेले न रहें, जिंदगी में जरूरी है दोस्त, बढ़ती है उम्र, घटती है परेशानी, ऑस्ट्रेलिया में हुआ क्लिनिकल रिव्यू, पढ़े खबर

 

अकेले न रहें, जिंदगी में जरूरी है दोस्त, बढ़ती है उम्र, घटती है परेशानी, ऑस्ट्रेलिया में हुआ क्लिनिकल रिव्यू, पढ़े खबर

दोस्त है लंबी उम्र का राज

सामान्य रूप से अधिक दोस्त बनाने वाले लोगों की उम्र कम दोस्त वालों के मुकाबले 7 साल तक ज्यादा पाई गई। जर्नल EPS की एक रिसर्च बताती है कि क्लोज फ्रेंडशिप सेहत पर 35 अलग-अलग तरीके से पॉजिटिव असर डालती है। कुल मिलाकर कहें तो बात इतनी है कि 100 साल अकेलेपन या नेपथ्य में रहकर नहीं जिया जा सकता है, इसके लिए दोस्त-यार, परिवार और कुनबा बढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है। यही लंबी उम्र का राज भी है।

ऑस्ट्रेलिया में हुआ क्लिनिकल रिव्यू

दोस्त होंगे तो लंबी उम्र की संभावनाएं बढ़ेंगी, नहीं होगें तो कोई बात नहीं।ऐसा सोचना गलत है। दोस्तों की कमी सिर्फ कोई बात नहींतक सीमित नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में हुआ यह क्लिनिकल रिव्यू बताता है कि ऐसी स्थिति में एक शख्स को फिजिकली और मेंटली उतना ही नुकसान होता है, जितना 15 सिगरेट रोज पीने से हो सकता है।यानी, अगर किसी के पास दोस्तों की कमी है या दोस्तों से लगाव कम है तो जाने-अनजाने वह चेन स्मोकिंग कर रहा है। दूसरी ओर, अगर किसी के खूब सारे लंगोटिया यार हैं तो उसे घर बैठे या बतकही करते हुए भी 2-4 किलोमीटर टहलने जितना फायदा मिलता रहेगा।

70 साल की उम्र के 1500 लोगों पर 10 साल तक स्टडी

इस लॉन्गिट्यूडनल रिसर्च में 70 साल की उम्र के 1500 लोगों पर 10 साल तक स्टडी की कई। इस दौरान उनकी सेहत, दोस्तों की संख्या, उनसे घुलने-मिलने का समय, परिवार की स्थिति वगैरह से जुड़े आंकड़े जुटाए गए। नतीजे में यह पाया गया कि अगर शख्स के पास दिल की बातें समझने वाले अच्छे दोस्त हों तो बीमारी, कम रूपए-पैसे, टॉक्सिक फैमिली होते हुए भी उनकी उम्र बढ़ती है। रिसर्च में यह भी पाया गया कि घर-परिवार में ज्यादा लोगों के होने से भी जीने की संभावनाएं बढ़ती हैं। लेकिन ज्यादा परिवार होना उतना असरदार नहीं होता जितने कि दोस्त।

किसी काम के नहीं सोशल मीडिया के दोस्त

ऊपर की रिसर्च और इसके नतीजे जानने के बाद अगर आप दोस्तों की गिनती करते हुए इसमें अपने सोशल मीडिया फ्रेंड्स को भी शामिल कर रहे हैं तो रुक जाइए। इस तरह की दोस्ती उम्र बढ़ाने में कोई मदद नहीं कर पाएगी। इसके लिए बेस्ट फ्रेंड या क्लोज फ्रेंड्स की जरूरत होती है।

दोस्ती निभाना भी जरुरी

दोस्ती के फायदे तो हमने जान लिए हैं। लेकिन इन फायदों के लिए कितने दोस्त बनाने पड़ेंगे। यहां इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि सिर्फ दोस्त बनाने से काम नहीं चलेगा। उन दोस्तियों को बकायदा निभाना भी पड़ेगा। किताब फ्रेंडशिप रूलकी सह-लेखक आइरीन एस लेविन की मानें तो करीबी दोस्ती निभाने के लिए काफी समय और एनर्जी की जरूरत होती है। इसलिए निश्चित संख्या में ही करीबी दोस्त बनाए जा सकते हैं। आमतौर पर यह संख्या 5 के आसपास हो सकती है।