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 स्वाद के साथ सेहत का भी खजाना है दालचीनी, जानें कैसे बीमारियों को करती है दूर ?

 

Daal cheni: हमारे किचन में रखी दालचीनी केवल एक मसाला ही नहीं है। बल्कि सेहत का भी खजाना है। दालचीनी के पेड़ की छाल का भीतरी हिस्सा मसाले के रूप में इस्तेमाल होता है। इसे हजारों सालों से बुखार, सूजन, सामान्य सर्दी और उल्टियां होने पर औषधीय उपचार के लिए प्रयोग में लाया जाता रहा है। यह घर के आसपास किसी भी किराने की दुकान में बहुत आसानी से मिल जाती है। बाजार में यह स्टिक्स, पाउडर, चाय और तेल के रूप में मिलती है।

दालचीनी के ढेरों फायदे

वाराणसी के राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में असिस्टेंट प्रोफेसर और डॉक्टर अजय कुमार कहते हैं कि आयुर्वेद में दालचीनी के ढेरों फायदे बताए गए हैं। अब इस पर शोध हो रहे हैं और एलोपैथी में भी इसके इस्तेमाल के रास्ते खोजे जा रहे हैं।

डायबिटीज में होता सुधार

साल 2022 में हेल्थ जर्नल न्यूट्रिएंट्समें पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए दालचीनी बहुत काम की चीज है। यह शरीर में इंसुलिन की तरह काम करती है। कई स्टडीज में पाया गया है कि इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल में सुधार किया जा सकता है।

दालचीनी की चाय डायबिटीज में बेहद फायदेमंद साबित होती है। एक कप पानी में दालचीनी की दो स्टिक या एक चम्मच पाउडर डालकर 10 मिनट उबालें। पानी का रंग भूरा हो जाए तो इसे उतार लें और एक चम्मच शहद के साथ या ऐसे ही पी सकते हैं।

हार्ट डिजीज के रिस्क फैक्टर्स कम करती है

दुनिया में सबसे अधिक मौतें हार्ट अटैक के कारण होती हैं। साल 2017 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक दालचीनी हार्ट डिजीज के रिस्क को कम करती है। इससे हार्ट डिजीज के लिए दो सबसे बड़े जोखिम ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है।

साल 2020 में पब मेड में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक अगर ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है तो प्रतिदिन एक चम्मच दालचीनी का सेवन करने से ब्लड प्रेशर भी कम हो सकता है।

मुंह की साफ-सफाई में भी मददगार

दालचीनी का तेल माउथ हेल्थ को बेहतर रखता है। यह कुछ खास बैक्टीरिया से आपको बचाता है, जो सांस की दुर्गंध, कैविटी और मुंह में संक्रमण के लिए जिम्मेदार हैं। साल 2011 की एक स्टडी के मुताबिक दालचीनी का तेल दांतों को कमजोर करने वाले बैक्टीरिया से लड़कर इन्हें लंबी और स्वस्थ जिंदगी देता है। मुंह का हाइजीन मेंटेन रखने के लिए यह सबसे बेहतर चीज है। लेकिन डॉ. अजय दालचीनी के तेल के सेवन में सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।

इंफ्लेमेशन कम कर सकती है दालचीनी

दालचीनी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। इसमें पॉलिपेनल जैसे पॉवरफुल एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो शरीर में किसी भी तरह की सूजन को कम कर सकते हैं। ये वायु प्रदूषण के कारण शरीर में आए फ्री रेडिकल्स की छुट्टी कर देते हैं और ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचाते हैं।

साल 2020 के एक मेटा-एनालिसिस के मुताबिक प्रतिदिन 2 से 4 ग्राम दालचीनी का सेवन करके ब्लड में एंटीऑक्सीडेंट का लेवल बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, सी-रिएक्टिव प्रोटीन जैसे इंफ्लेमेटरी कारक भी निष्क्रिय हो सकते हैं।

कैंसर से बचा सकती है दालचीनी

साल 2019 में यूरोपियन जर्नल ऑफ मेडिसिनल केमिस्ट्री में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, दालचीनी में एंटी इंफ्लेमेटरी के अलावा कैंसर-रोधी गुण भी होता है। इसके मुताबिक दालचीनी का सेवन एपोप्टोसिस को सक्रिय करता है। इसका मतलब हुआ कि प्रोग्राम्ड डेथ सेल अपने तरीके से काम करेगा। जिसे पहले से कैंसर है, उसकी ग्रोथ कम कर देगा। जो स्वस्थ है, उसका रिस्क फैक्टर कम कर देगा।

फंगल इंफेक्शन को कम करती है दालचीनी

दालचीनी के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे स्किन पर इंफेक्शन वाली जगह पर लगाने से राहत मिलती है। डॉ. अजय बताते हैं कि हैं कि दालचीनी फंगल इन्फेक्शन के इलाज में बहुत कारगर है। इसकी पत्तियों का तेल स्किन कैंडिडायसिस कम करने में भी मददगार है।

इसके तेल को बादाम या ऑलिव ऑयल के साथ मिलाकर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।

गले के किसी भी तरह के इंफेक्शन को दूर करने के लिए इसकी चाय पी सकते हैं। इसके लिए दालचीनी की दो स्टिक उबालकर भी पी सकते हैं।