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सोना खरीदने में बरतें सावधानी, इन बातों का रखा ध्यान तो नहीं होंगे बाद में परेशान

 

सोना की खरीदारी बेशक अब आम आदमी के बजट से बाहर हो चुकी है लेकिन फिर भी शादी विवाह के दौरान सोना खरीदा जाता है। आम आदमी जैसे तैसे सोना खरीदता है ऐसे में सोना खरीदने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना ज्यादा जरुरी है।

1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें

हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। नए नियम के तहत एक अप्रैल से छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग के बिना सोना नहीं बिकेगा। जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड होगा। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं।

ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव हो गया है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।

2. कीमत क्रॉस चेक करें

सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।

24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसकी ज्वेलरी नहीं बनती, क्‍योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आमतौर पर ज्वेलरी के लिए 22 कैरेट या इससे कम कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है।

कैरेट के हिसाब से ऐसे चेक करें कीमत: मान लीजिए 24 कैरेट सोने का दाम 60 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम है। यानी एक ग्राम सोने की कीमत हुई 6000 रुपए। ऐसे में 1 कैरेट शुद्धता वाले 1 ग्राम सोने की कीमत हुई 6000/24 यानी 250 रुपए।

अब मान लीजिए आपकी ज्वेलरी 18 कैरेट शुद्ध सोने से बनी है तो 18x250 यानी इसकी कीमत 4,500 रुपए प्रति ग्राम हुई। अब आपकी ज्वेलरी जितने भी ग्राम की है उसमें 4,500 रुपए का गुणा करके सोने की सही कीमत निकाली जा सकती है।

3. कैश पेमेंट न करें, बिल लें

सोना खरीदते वक्त कैश पेमेंट बड़ी गलती साबित हो सकती है। UPI (जैसे भीम ऐप) और डिजिटल बैंकिंग के जरिए पेमेंट करना अच्छा रहता है। आप चाहें तो डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी पेमेंट कर सकते हैं। इसके बाद बिल लेना न भूलें। यदि ऑनलाइन ऑर्डर किया है तो पैकेजिंग जरूर चेक करें।

4. रीसेलिंग पॉलिसी जान लें

कई लोग सोने को निवेश की तरह देखते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आपको सोने की रीसेल वैल्यू के बारे में पूरी जानकारी हो। साथ ही संबंधित ज्वेलर की बायबैक पॉलिसी पर भी स्टोर कर्मचारियों से बातचीत कर लें।