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 QR कोड स्कैन करने से पहले हो जाएं सावधान: कहीं आपके साथ भी न हो जाए फ्रॉड, करें बचाव

 
QR code: आज के दौर में क्यू आर कोड की मदद से बस एक क्लिक में किसी से भी पैसे का लेन देने किया जा सकता है। लेकिन सावधानी न रखने पर ये सुविधा परेशानी का सबब भी बन सकती है।

QR कोड स्कैन कर लगाया हजारों का चूना

हाल ही में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साइबर ठगों ने एक दिव्यांग को QR कोड के जरिए हजारों का चूना लगा दिया। दरअसल दिव्यांग ने अपनी ट्राईसिकल बेचने के लिए OLX पर एड डाला था। साइबर क्रिमिनल ने फोन पर सौदा तय कर एडवांस देने के लिए QR कोड मांगा और दिव्यांग के खाते से 32 हजार रुपए निकाल लिए।

थोड़ी से लापरवाही से गए हजारों

QR कोड का फुल फॉर्म क्विक रिस्पॉन्सहोता है। यानी इसका काम ही है जल्दी रिस्पॉन्स करना। लेकिन यह जल्दी कई बार घातक भी हो सकती है। थोड़ी सी लापरवाही से आप भी QR कोड स्कैम का शिकार हुए लोगों की कतार में हो सकते हैं।

कैसे बरतें सावधानियां ?

इसमें URL, कंटेंट डिटेल्स, बैंक डिटेल या अन्य प्रकार का डेटा स्टोर किया जा सकता है।

QR कोड के किनारे पर तीन छोटे-छोटे स्क्वायर साइन बने होते हैं।

इन्हें पोजिशन मार्क कहते हैं।

QR कोड के बीच में डेटा जोन होता है, जिसमें बैंक की डिटेल छिपी होती है।

QR कोड को डिकोड करने के लिए केवल एक कैमरा और ऐप की जरूरत होती है।

इसमें UPC (Universal Product Code) बार कोड से ज्यादा जानकारी स्टोर हो सकती है।

QR कोड के जरिए साइबर ठग स्कैम को कैसे अंजाम देते हैं?

QR के साथ एक समस्या यह है कि लोगों को स्कैन करने से पहले तक यह पता नहीं होता है कि मोबाइल में क्या ओपन होने वाला है। इसी का फायदा उठाकर साइबर ठग कुछ फर्जी वेबसाइट्स या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए आपको QR कोड भेजते हैं। जब आप उस कोड को स्कैन करते हैं तो कोई लिंक ब्राउजर पर ओपन हो सकता है। इसके बाद तुरंत आपके बैंक अकाउंट से पैसे कट सकते हैं।

इसके अलावा कई बार फेक QR कोड को रियल QR कोड में इनबिल्ट कर दिया जाता है। जब कोई इस तरह के QR कोड को स्कैन करता है तो उसे किसी अन्य साइट पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके बाद आपकी जानकारी को आसानी से हैक किया जा सकता है। यही QR कोड स्कैम की वजह बनता है।