शराब, सिगरेट से खराब हो सकती है आवाज: जानें कैसे मिलते है ‘वोकल नोड्यूल्स’ खराब होने के संकेत?
Voice: आज के दौर मे अगर अपनी सेहत का ध्यान न रखें तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शरीर के बाकी अंगों के साथ हमारी आवाज भी काफी महत्वपूर्ण है। अगर आपकी आवाज कुछ समय से भारी हो गई है या शुरू में ठीक रहती है, लेकिन कुछ देर बोलने के बाद बदल जाती है तो ऐसे में आपके वोकल कॉर्ड पर दाने या वोकल नोड्यूल्स हो सकते हैं।
वोकल कॉर्ड क्या होते हैं?
वोकल कॉर्ड हमारे वॉइस बॉक्स का हिस्सा होते हैं। ये सांस की नली के ऊपर होते हैं। जब हम चुप रहते हैं तो वोकल कॉर्ड खुले रहते हैं, जिससे सांस अंदर-बाहर आती-जाती है। लेकिन जब हम बोलते हैं तो वोकल कॉर्ड एक दूसरे से मिल जाते हैं। ऐसे में जब फेफड़ों से आने वाली हवा बंद वोकल कॉर्ड से गुजरती है तो इसमें कंपन होता है। वोकल कॉर्ड के इसी कंपन से आवाज पैदा होती है।
वोकल नोड्यूल्स कैसे बनते हैं?
आमतौर पर बोलते समय दोनों वोकल कॉर्ड एक दूसरे से मिलते हैं। लेकिन जब लंबे समय तक ऊंची आवाज में बोला, चिल्लाया या कुछ गाया जाए तो वोकल कॉर्ड की सतह पर घर्षण होता है। इससे शुरूआत में वोकल कॉर्ड पर सूजन आती है, लेकिन आवाज में ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलता। लेकिन ज्यादा देर तक तेज बोलने पर आवाज बैठने लगती है। अगर समय पर इस पर ध्यान न दिया जाए और सावधानी नहीं बरती जाए तो वोकल कॉर्ड पर दाने बनने लगते हैं, जिन्हें ‘वोकल नोड्यूल्स’ कहते हैं। वोकल नोड्यूल्स की वजह से ही आवाज में बदलाव होता है।
वोकल नोड्यूल्स की परेशानी किसी भी उम्र में हो सकती है। लेकिन सिंगर, पब्लिक स्पीकर, टीवी एंकर, पॉलिटिशियन, वकील या टीचर जैसे प्रोफेशन से जुड़े लोगों में यह ज्यादा देखी जाती है।
किस तरह के खानपान से आवाज खराब हो सकती है?
डॉ. शमा कोवळे बताती हैं कि हमारा खानपान सीधे तौर पर आवाज को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन बहुत ज्यादा तीखा या ऑयली खाने से एसिडिटी होने का खतरा रहता है। एसिडिटी का असर आवाज पर हो सकता है। इसके अलावा कम पानी पीने, एल्कोहल या कैफीन की वजह से भी आवाज में बदलाव हो सकता है।
क्या आवाज में बदलाव किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है?
डॉ. शमा कोवळे बताती हैं कि किसी बीमारी के पहले आवाज में बदलाव नहीं आता है। बल्कि आवाज में बदलाव होना किसी बीमारी का संकेत जरूर हो सकता है। लेरिन्जाइटिस की वजह से वॉयस बॉक्स में सूजन आ जाती है, जिससे आवाज बदल सकती है। वॉइस बॉक्स कैंसर या लैरिंजियल कैंसर की वजह से आवाज में बदलाव हो सकता है।
थायराइड सर्जरी के बाद आवाज में बदलाव आ जाता है।
आवाज में बदलाव आने को लोग सामान्य बात मानते हैं, जबकि यह किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। अगर किसी की आवाज 7 दिनों से ज्यादा खराब है तो इसकी जांच जरूर करानी चाहिए।
आवाज खराब न हो, इसके लिए किस तरह का भोजन करना चाहिए?
अक्सर वायरल संक्रमण से गले में खराश या आवाज में बदलाव आता है। ऐसे में हर्बल चाय, शहद, अदरक, लहसुन, लौंग या काली मिर्च जैसी चीजें फायदेमंद हो सकती हैं। इसके अलावा सुबह नमक के पानी से गरारे करना बेहतर विकल्प है। गले में खराश होने पर दूध, दही, आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों से परहेज करना चाहिए। साथ ही खट्टी चीजों से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।