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 अब आसानी से नहीं होगी सिम पोर्ट, 1 जुलाई से बदल जाएगा ये नियम

 
 

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सिम कार्ड से जुड़े नए नियमों को 1 जुलाई 2024 से लागू करने का फैसला लिया है। इन नए नियमों के तहत सिम पोर्टिंग और सिम रिप्लेसमेंट की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यहां आपको इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है:

सिम पोर्टिंग और रिप्लेसमेंट के नए नियम

अब सिम पोर्ट करवाने के लिए यूजर्स को पहले आवेदन जमा करना होगा और उसके बाद उन्हें कुछ समय तक इंतजार करना होगा। यह समय 7 दिनों का होगा, जिसमें यूजर्स की पहचान और अन्य जानकारी को सही तरीके से वेरिफाई किया जाएगा।

यदि किसी यूजर का सिम कार्ड चोरी हो जाता है या डैमेज हो जाता है, तो अब उन्हें नया सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए 7 दिन तक इंतजार करना होगा। पहले तुरंत सिम कार्ड मिल जाता था, लेकिन अब इसका लॉकिंग पीरियड बढ़ा दिया गया है।

नए नियमों के अनुसार, एक यूजर एक ही आईडी पर कई सिम कार्ड नहीं प्राप्त कर सकेगा। इससे फर्जीवाड़े की घटनाओं को रोका जा सकेगा।

वेरिफिकेशन प्रक्रिया

नए नियमों के अनुसार, मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की प्रक्रिया को और सख्त किया गया है ताकि धोखाधड़ी से बचा जा सके। यूजर्स को अपनी जानकारी की वेरिफिकेशन के लिए एक OTP मिलेगा, जिसे वे पोर्टिंग प्रक्रिया के दौरान इस्तेमाल करेंगे।

इन बदलावों का उद्देश्य फर्जीवाड़े की घटनाओं को रोकना है, जिसमें लोगों की जानकारी का गलत उपयोग कर उनके सिम कार्ड को पोर्ट कर दिया जाता था। अब यूजर्स को अपनी जानकारी की सुरक्षा को लेकर ज्यादा अलर्ट रहना होगा।

नए नियमों का प्रभाव

नए नियमों के तहत यूजर्स को अपने सिम कार्ड और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क रहना होगा।

 एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, रिलायंस जियो जैसे ऑपरेटरों के यूजर्स को भी इस नए नियम के तहत अलर्ट रहने की आवश्यकता होगी।

इस नियम से यूजर्स की जानकारी सुरक्षित रहेगी और फर्जीवाड़े की घटनाओं में कमी आएगी।

TRAI के इन नए नियमों से मोबाइल यूजर्स को थोड़ी असुविधा हो सकती है, लेकिन उनकी सुरक्षा को देखते हुए यह बदलाव आवश्यक हैं। इन नए नियमों का पालन कर आप अपने सिम कार्ड और व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं।