क्यों BJP सांसद गौतम गंभीर के बाद जयंत सिन्हां भी चाहते है अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी से मुक्ति, जानें पूरी खबर
इसके बाद दोपहर में हजारीबाग (झारखंड) से सांसद जयंत सिन्हा ने भी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से रिक्वेस्ट की कि उन्हें राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए। फरवरी में जयंत सिन्हा को सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार दिया गया था। जयंत अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा के बेटे हैं।
जयंत सिन्हा ने लिखा- मोदी-शाह ने जो मौके दिए, उनके लिए धन्यवाद
सिन्हा ने X पर लिखा- मेरा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से निवेदन है कि मुझे चुनावी दायित्वों से मुक्त करें। मैं ग्लोबल क्लाइमेट चेंज से जुड़े भारत और दुनिया में चल रहे काम पर फोकस करना चाहता हूं। मैं पार्टी के इकोनॉमिक और गवर्नेंस से जुड़े काम करता रहूंगा।
बीते 10 साल में मुझे देश और हजारीबाग के लोगों के लिए काम करने का मौका मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने जो मौके दिए, उसके लिए आभारी हूं।
गौतम गंभीर ने X अकाउंट पर क्या लिखा...
गंभीर ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को टैग किया है। उन्होंने जेपी नड्डा से रिक्वेस्ट की कि उन्हें राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए।
गंभीर ने राजनीतिक जिम्मेदारियों छोड़ने की वजह भी बताई। लिखा- अब वो अपने क्रिकेट से जुड़े कमिटमेंट्स पूरे करने चाहते हैं। गंभीर ने देश सेवा का मौका देने के लिए PM मोदी और अमित शाह का आभार भी जताया।
मार्च 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे गंभीर
गौतम गंभीर ने 22 मार्च 2019 को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। भाजपा ने उन्हें दो महीने बाद ही 2019 लोकसभा चुनाव में ईस्ट दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया। गंभीर ने 6 लाख 95 हजार 109 वोट से आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रत्याशी आतिशी और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को हराया था। गंभीर को महेश गिरी की जगह टिकट दिया गया था।
वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे
गंभीर ने 2003 से 2016 तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेला। वे 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 की वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। वे 2019 में ईस्ट दिल्ली से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते थे। 2008 में अर्जुन पुरस्कार और 2019 में ही उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
दिल्ली से 4 सांसदों के टिकट कटने की अटकलें
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की गुरुवार-शुक्रवार को हुई बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि नॉन-परफॉर्मर और सक्रिय नहीं रहने वाले सांसदों को इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी अपने 400 प्लस टारगेट को लेकर कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते।
दिल्ली में लोकसभा सभी 7 सीटों पर भाजपा के सांसद हैं। चर्चा है कि इस बार चांदनी चौक से डॉ. हर्षवर्धन, पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर, नई दिल्ली सीट से मीनाक्षी लेखी और उत्तर-पश्चिम दिल्ली से हंसराज हंस का टिकट कट सकता है। वहीं मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी और परवेश वर्मा का टिकट तय माना जा रहा है।