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 क्या है दलबदल कानून जिसके तहत रणजीत चौटाला पर होगी कार्रवाई?,क्या है नियम ?

 
Dalbadal kanoon: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने बताया कि हमारे देश के संविधान‌ की 10वीं अनुसूची, जिसमें दल बदल विरोधी प्रावधान है, के अनुसार सदन का कोई निर्वाचित सदस्य, जिसको विधानसभा में निर्दलीय सदस्य का दर्जा है, वह उस सदन का सदस्य होने के लिए अयोग्य होगा। यदि वह ऐसे निर्वाचन के पश्चात किसी राजनीतिक दल में सम्मिलित हो जाता है।

निर्दलीय के लिए कानून

दूसरे शब्दों में हर निर्दलीय के तौर पर निर्वाचित‌ विधायक उसके कार्यकाल के दौरान कोई राजनीतिक पार्टी नहीं जॉइन कर सकता। अगर, वह ऐसा करता है तो‌ उसे सदन की सदस्यता से हाथ धोना पड़ेगा।

दायर हो सकती है याचिका

रानियां विधानसभा से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला द्वारा विधायक पद से इस्तीफा विधानसभा स्पीकर (अध्यक्ष) को सौंप दिया था अथवा नहीं इस पर संशय बना हुआ है। अब चर्चा है कि दल-बदल विरोधी कानून के प्रावधान के तहत उनके विरुद्ध जल्द ही विधानसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित करने की याचिका स्पीकर के समक्ष दायर की जाने वाली है।

जैसे वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सैनी भी मौजूदा विधानसभा के सदस्य नहीं हैं, लेकिन रणजीत चौटाला पर यह लागू नहीं होगा। वैसे भी रणजीत को हिसार से भाजपा का लोकसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है, इसलिए उनका प्रदेश मंत्रिमंडल में रहने का औचित्य नहीं बनता।