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राज्यसभा सीट को लेकर फंस सकता है पेंच, भाजपा इन चेहरों पर खेल सकती है दांव 

 
 RajyaSabha Election: हरियाणा में एक राज्यसभा की सीट खाली है. दीपेंदर हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद से राज्यसभा की सीट खाली है. 

इस सीट पर अब चुनाव होने वाला है जिसको लेकर सभी दल कमर कस रहे है. इस समय हरियाणा में भाजपा की सरकार है. और भाजपा जातिगत समीकरण को पूरी तरह साधने में लगी हुई है.

भाजपा की स्थिति इस समय वैसे तो अल्पमत में है क्योंकि 3 आज़ाद उम्मीदवारों के कांग्रेस को समर्थन देने और जजपा से अलग होने के बाद इस समय भाजपा के पास स्थिति विपरीत है.

इस समय विधानसभा की मौजूदा स्थिति
हरियाणा की 90 सदस्यों की विधानसभा में इस समय कुल 87 विधायक हैं, जिनमें भाजपा के 40 और कांग्रेस के 29 विधायक हैं।

 भाजपा को गोपाल कांडा और दो अन्य विधायकों का समर्थन है। यानी उसके पास कुल 43 वोट हैं। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए मौजूदा गणित के हिसाब से 44 वोट चाहिए। 

कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी और कांग्रेस को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों की संख्या 44 है। इसलिए राज्यसभा का चुनाव उलझता हुआ दिख रहा है और बहुत कुछ इस बात से तय होगा कि भाजपा किसको उम्मीदवार बनाती है। 

हालांकि भाजपा जननायक जनता पार्टी के तीन या चार विधायको के भरोसे पर है.   

लेकिन हरियाणा में राज्यसभा चुनाव को लेकर दो बातों की दिलचस्पी है कि भाजपा किसे उम्मीदवार बनाती है 

फिलहाल भाजपा मौजूदा हालात को देखते हुए जातिगत समीकरण साधने की पूरी कोशिश में है.

जानकारी के अनुसार भाजपा एक नाम रणजीत सिंह चौटाला का भी है. हालांकि वो लोकसभा का चुनाव हार गए थे लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के करीबी और विश्वास पात्र होने के कारण भाजपा उन पर दांव खेल सकती है।


वहीं भाजपा कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़ पर भी दांव खेल सकती है. साथ ही किसी SC चेहरे पर भी अपना दांव खेल सकती है. इसके लिए अशोक तंवर और बंतो कटारिया में से ही किसी एक को पार्टी राज्यसभा में भेजने का चांस ले सकती है